सेब का सीजन सिर पर है लेकिन बारिश का कहर ऐसा है कि रामपुर उपमंडल की चार पंचायतों का सड़क से संपर्क ही टूट गया है. तीन साल से लगातार लोग यही दर्द झेल रहे हैं. सड़क बार-बार धंसती है, लेकिन सरकार और विभाग अब तक वैकल्पिक समाधान नहीं खोज पाए हैं. आज हालात ये हैं कि मेहनतकश सेब बागवानों को सालभर की मेहनत के फल को कौड़ियों के भाव से बेचना पड़ रहा है. ग्रामीण रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए भी तरस रहे हैं. देखें ये रिपोर्ट.
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