मॉनसून की शुरुआत के साथ ही खरीफ सीजन में खेती करने के लिए पश्चिम बंगाल के किसानों को एक बड़ी सहायता मिली है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कृषक बंधु (नतुन) योजना के तहत राज्य के किसानों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है. इसके तहत राज्य के 1.05 करोड़ किसानों के खाते में 2,900 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. किसानों को खाते में पैसे भेजने का काम शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एक और घोषणा करते हुए कहा कि रबी सीजन के दौरान राज्य में विपरीत परिस्थितियों के कारण 2.10 लाख किसानों को नुकसान हुआ है. उन किसानों को फसल नुकसान के मुआवजे के तौर पर 293 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखे एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि "यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम आज से 2,900 करोड़ रुपये सीधे हमारे कृषक बंधु (नूतन) योजना के तहत लगभग 1.05 करोड़ किसानों (बरगादारों सहित) के बैंक खातों में जारी कर रहे हैं. यह 2024 के खरीफ सीजन के लिए वित्तीय सहायता की पहली किस्त है और इस साल के अंत में रबी सीजन के लिए दूसरी किस्त दी जाएगी." ममता बनर्जी ने यह पोस्ट बंगाली में लिखा है.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि कृषक बंधु (नतुन) योजना के तहत "1 एकड़ से अधिक कृषि योग्य भूमि के लिए, किसान को 10,000 रुपये मिलते हैं और इससे कम भूमि के लिए, आनुपातिक राशि न्यूनतम 4,000 रुपये प्रति वर्ष होती है. उन्होंने आगे लिखा है कि 2019 में कृषक बंधु योजना की शुरुआत के बाद से अब तक 18,234 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में पहुंच चुकी है. इसका लाभ किसानों को मिल रहा है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इसके अलावा 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच मरने वाले किसानों के परिवारों को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है. इसके तहत अब तक पश्चिम बंगाल में कुल 1,12,000 पीड़ित परिवारों को पिछले कुछ वर्षों के दौरान कुल 2,240 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं.
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बता दें कि कृषक बंधु योजना 2019 में शुरू की गई थी. इस योजना के तहत फसलों की खेती के लिए प्रति वर्ष अधिकतम 10,000 रुपये और न्यूनतम 4,000 रुपये तक किसानों को दिए जाते हैं. लाभार्थियों को हर साल खरीफ और रबी सीजन के दौरान दो बराबर किस्तों में यह राशि दी जाती है. 2019 के बाद जून 2021 में इस योजना को 'कृषक बंधु (नतुन)' के नाम से फिर से शुरू किया गया है.
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