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जलाशयों में घटता पानी खेती के लिए बड़ा संकट, प्रमुख कृषि राज्यों के डैम में वॉटर स्टोरेज काफी नीचे लुढ़का

जलाशयों में घटता पानी खेती के लिए बड़ा संकट, प्रमुख कृषि राज्यों के डैम में वॉटर स्टोरेज काफी नीचे लुढ़का

21 मार्च, 2024 के जलाशय भंडारण बुलेटिन के अनुसार, 150 जलाशयों में उपलब्ध सामूहिक भंडारण की मात्रा 67.591 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, जो कुल भंडारण क्षमता का 38% है. यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में काफी कम है. पिछले साल यह आंकड़ा 80.557 बीसीएम दर्ज किया गया था.

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देश के जलाशयों में घट रहा पानी (सांकेतिक तस्वीर) देश के जलाशयों में घट रहा पानी (सांकेतिक तस्वीर)

देश के अधिकांश क्षेत्रों में किसान खेती के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है. आंकड़ों के मुताबिक कुछ कृषि योग्य भूमि के 48 फीसदी क्षेत्रफल में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है. ऐसे में देश के जलाशयो में पानी की उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है. पर केंद्रीय जल आयोग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस साल देश के अलग-अलग राज्यों में स्थिति जलाशयों में मौजूद पानी की मात्रा में गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट देश के प्रमुख कृषि राज्यों के जलाशयों में देखी जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित कई राज्यों में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष में यह गिरावट देखी गई है. 

देश में मॉनसून के बदलते पैटर्न के बीच कई राज्यों से आ रही इस खबर परेशान करने वाली है. हालांकि इस बीच अच्छी खबर यह है कि कई राज्यों की जल भंडारण क्षमता में थोड़ा सुधार दिखाया गया है. विशेष रूप से असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, केरल  और नागालैंड ने भंडारण स्तर को पिछले वर्ष के बराबर बनाए रखा है. जबकि ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में इस साल मॉनसून के दौरान अनियमित बारिश का सामना करना करना पड़ा था. झारखंड को सूखे का सामना करना पड़ा था. 

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10 साल के औसत से कम हुई क्षमता

21 मार्च, 2024 के जलाशय भंडारण बुलेटिन के अनुसार, 150 जलाशयों में उपलब्ध सामूहिक भंडारण की मात्रा 67.591 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, जो कुल भंडारण क्षमता का 38% है. यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में काफी कम है. पिछले साल यह आंकड़ा 80.557 बीसीएम दर्ज किया गया था. इतना ही नहीं इस बार जल भंडारण को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं वह दस साल के औसत 72.396 बीसीएम से नीचे आता है. यह दिखाता है कि देश के जलाशयों में जल भंडारण की क्षमता धीरे धीरे कम हो रही है.

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इतनी घटी है जल भंडारण क्षमता

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी राज्यों में के  10 जलाशयों में पानी की उपलब्धता 6.439 बीसीएम है, जो कुल भंडारण क्षमता का 33% है, जो पिछले वर्ष के 38% से कम है. वहीं पूर्वी क्षेत्रों के कुल 23 जलाशयों में कुल 9.971 बीसीएम पानी उपलब्ध है.यह क्षेत्र कुल भंडारण क्षमता का 49% है, जो पिछले वर्ष के 43% से अधिक है. वहीं पश्चिमी राज्यों के 49 जलाशयों में सामूहिक जल उपलब्धता 16.768 बीसीएम है, जो कुल भंडारण क्षमता का 45% है. यह पिछले साल के 54 फीसदी की तुलना में कम है. मध्य भारत के राज्यो में स्थित 26 जलाशयों में  22.126 बीसीएम पानी  उपलब्ध है. जो कुल भंडारण क्षमता का 46% है. यह पिछले साल के 49 प्रतिशत से कम है.