रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है सिल्क समग्र योजना, किसान ऐसे उठाएं फायदा

रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है सिल्क समग्र योजना, किसान ऐसे उठाएं फायदा

भारत रेशम उत्पादन के मामले में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेशम उत्पादक देश है. यहां पर हर साल 50 हजार मीट्रिट टन रेशम का उत्पादन किया जाता है. विश्व में सबसे अधिक रेशम की खपत भारत में होती है. दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पर बाजार के लिए पांच प्रकार का रेशम तैयार किया जाता है.

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रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है सिल्क समग्र योजना, किसान ऐसे उठाएं फायदाsilk farming

सिल्क उत्पादन के मामले में भारत के कदम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. इसके लिए देश के संस्थान के साथ-साथ किसान भी काम कर रहे हैं. उन किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है.सिल्क समग्र योजना एक ऐसी ही योजना है जो देश में रेशम की खेती करने वाले किसानों के लिए चलाई जा रही है. इसका लाभ भी किसानों को मिल रहा है. इस योजना का उद्देश्य  उद्देश्य रेशम की खेती करने वाले किसानों की आजीविका में सुधार करना और देश के रेशम उद्योग के विस्तार और विकास को बढ़ावा देना है. रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए और किसानों के विकास के लिए इसे साल 2021 में लागू किया गया था. 

गौरतलब है कि भारत रेशम उत्पादन के मामले में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेशम उत्पादक देश है. यहां पर हर साल 50 हजार मीट्रिट टन रेशम का उत्पादन किया जाता है. विश्व में सबसे अधिक रेशम की खपत भारत में होती है. दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पर बाजार के लिए पांच प्रकार का रेशम तैयार किया जाता है. इनमें शहतूत, ओक तसर, ऊष्णकटिबंधीय तसर, मूगा और एरी शामिल हैं. सुनहला मूगा रेशम विश्व का सबसे प्रसिद्ध रेशम है जिसका उत्पादन सिर्फ भारत में होता है. सिल्क समग्र योजना के जरिए भारत से दूसरे देशों में कच्चे रेशम का निर्यात बढ़ाने में सफलता हासिल की है. 

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क्या है सिल्क समग्र योजना

  • देश में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा संचालित योजना है सिल्क समग्र योजना
  • इस योजना के तहत सिल्क उत्पादन के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास, तकनीक हस्तांतरण और सूचना तकनीक का विकास किया जाता है.
  • योजना के तहत बीज संगठन तैयार किया जाता है ताकि किसानों को सही समय पर अच्छी गुणवत्ता के बीज मिल सकें
  • योजना के तहत किसानों के लिए बेहतर बाजार विकसित किया जाता है.
  • सिल्क के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और उसकी क्वालिटी चेक की जाती है. 
  • योजना के जरिए रेशम उत्पादन करने वाले उत्पादकों को रेशम उत्पादन ईकाई स्थापित करने, उसके लिए उपकरणों की खरीद करने और रेशम उत्पादन से संबंधित अन्य लागतों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. 
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  • रेशम की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण इस योजना के तहत दिया जाता है. 

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योजना के लिए कैसे करें आवेदन

जो किसान इस योजना के तहत आदेवन करना चाहते हैं वो अपने जिला स्थित रेशम उत्पादन विभाग के ऑफिस में जाएं. कार्यालय जाते समय आवेदक अपने साथ जरूर दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते का विवरण, बिजली का बिल और अन्य व्यवसायिक दस्तावेज अपने साथ रख लें. इसके वहां पर अधिकारि से मिलकर सिल्क समग्र योजना से संबंधित आवेदन फॉर्म की मांग करें और उसे भरकर जमा कर दें. 

 

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