प्याज की खेती वैसे तो फायदे की खेती होती है पर कई बार बाजार में आवक अधिक होने के कारण इसकी कीमतें कम हो जाती हैं. इसके कारण किसानों को नुकसान होता है. बेहतर स्टोरेज की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें कम कीमत पर ही अपने प्याज को बेचना पड़ता. किसानों के पास प्याज के भंडारण करने का विकल्प नहीं होता है. पर कृषि वैज्ञानिकों नें अब इस समस्या का समाधान निकाल लिया है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी किस्म की प्याज विकसित की है जिसका भंडारण लंबे समय तक किया जा सकता है. यह एक साल तक रखने पर भी खराब नहीं होता है.
इस किस्म की प्याज की खेती का फायदा यह है कि अगर बाजार में प्याज की आवक अधिक है और दाम अच्छे नहीं मिल रहे हैं तो किसान इसे स्टोर कर सकते हैं. बाजार में अच्छे दाम मिलने पर इसे फिर बेच सकते हैं. इतना नहीं प्याज की इस किस्म की खेती करने का एक और फायदा यह होगा कि अब प्याज को स्टोर करने के लिए उन्हें कोल्ड स्टोरेज नहीं जाना होगा. इससे उन्हें कोल्ड स्टोरेज का खर्चा भी बचेगा और प्याज को कोल्ड स्टोरेज तक ले जाने का किराया भी बचेगा. इससे किसानों को पैसौं की बचत होगी और अधिक मुनाफा होगा. इस तरह से किसान अब इस नई वेरायटी की खेती करके अच्छी उपज के साथ-साथ अच्छी कमाई हासिल कर सकते हैं.
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प्याज की इस बेहतरीन किस्म को कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा आजमगढ़ के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. इस नई प्रजाति का नाम एग्रीफ्राउंड लाइट रेड-4 है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह एक साल तक खराब नहीं होती है. इसके अलावा यह सामान्य तरीके से रखने पर अंकुरित भी नहीं होती है. प्याज के इस किस्म की गिनती देश के बेहतर प्याज की किस्मों में होती है. इस वेरायटी का रंग हल्का लाल होता है और खाने में यह तीखी लगती है. इस साल के अक्टूबर के महीने तक प्याज की इस किस्म के बीज बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे. इसके बाद किसान इन बीजों को खरीद कर खेती कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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प्याज की इस नई किस्म की खेती पूर्वांचल और आस-पास के किसान बड़े पैमाने पर करते हैं. इससे वो अच्छा उत्पादन और अधिक कमाई करते हैं. प्याज किसानों को बारिश के मौसम में सबसे अधिक परेशानी होती है क्योंकि इस समय प्याज में नमी आती है जिससे वो सड़ने लगते है और अंकुरित भी होने लगते हैं. इसके कारण किसान कम दाम मिलने पर भी अधिक नुकसान से बेचने के लिए प्याज को बेच देते हैं. पर अब नई किस्म आने के बाद किसानों को इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. गौरतलब है कि देश में सबसे अधिक प्याज की खेती महाराष्ट्र में की जाती है. देश के कुल प्याज उत्पादन में इस राज्य की हिस्सेदारी 40 फीसदी होती है.
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