पंजाब के बठिंडा में आज एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर एक मुर्गे की जान बचाने के लिए उसे सुरक्षा मुहैया कराई गई है. इतना ही नहीं, तीन लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है. दरअसल यह मामला पशु क्रूरता से जुड़ हुआ है. यहां पर एक मुर्गा लड़ाई आयोजित की गई थी पुलिस ने पहुंचकर मुर्गे की जान बचाई. साथ ही इस लड़ाई में घायल मुर्गे को अस्पताल पहुंचाया और उन मुर्गों को सुरक्षा दी जा रही है जो लड़ाई के लिए लाए गए थे. तीन आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है. इस मामले की जानकारी पुलिस अधिकारी निर्मल सिंह ने दी है. उन्होंने बताया कि बठिंडा के बल्लुआना गांव में मुर्गे की लड़ाई का आयोजन किया गया था.
आगे उन्होंने बताया कि गांव में आयोजित इस मुर्गा लड़ाई में लगभग 200 लोग शामिल थे. उन्होंने बताया कि जब उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी मिली तब वे घटनास्थल पर पहुंचे. वहां पुलिस पहुंची तो सभी लोग भाग गए. पर पुलिस को वहां दो मुर्गे और एक व्यक्ति मिला. पुलिस ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि जिन लोगों ने मुर्गा लड़ाई का आयोजन किया था, वो लोग मुर्गे को परेशान कर रहे थे. घटनास्थल से जब मुर्गों को बरामद किया गया तो वे घायल अवस्था में थे. तुरंत इन मुर्गों को सुरक्षा प्रदान की गई. उनका इलाज कराया गया और उन्हें भोजन दिया गया.
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निर्मल सिंह ने कहा कि इस मुर्गा लड़ाई और पक्षियों के साथ हो रही क्रूरता को लेकर तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. साथ ही बताया कि मौके से 11 ट्रॉफियां भी बरामद की गई हैं. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है और एक दोषी राजविंदर को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि बाद में उसे जमानत मिल गई. मामले में नामजद अन्य आरोपी अभी भी फरार बताए जा रहे हैं.
मामले में पीड़ित मुर्गा भी एक सबूत है. पुलिस ने कहा कि इसका इस्तेमाल अदालत में आरोपियों के खिलाफ किया जाएगा. पुलिस ने कहा कि मौके से ट्रॉफियों की बरामदगी से इस बात का पता चलता है कि वहां पर किसी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. निर्मल सिंह ने आगे कहा की "जब भी अदालत हमें निर्देश देगी, हम मुर्गे को अदालत में पेश करेंगे.उन्होंने कहा मुर्गें को अपने कब्जे में पुलिस ने रखा है इसलिए उसे अदालत ले जाना होगा.
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अदालत ले जाने तक मुर्गे की देखभाल अपने बच्चे की तरह करनी होगी. फिलहाल पुलिस ने मुर्गों को ऐसी जगह पर रखा है जहां पर उसे दूसरे मुर्गे मुर्गियों का साथ मिल सके. क्योंकि अगर इसे थाने में रखा जाएगा तो वह अकेला हो जाएगा. इसलिए मुर्गे की देखभाल की जिम्मेदारी एक केयरटेकर को दी गई है. पुलिस ने यह भी कहा कि मुर्गें को किसी तरह का नुकसान नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वो निजी तौर पर जाकर मुर्गे के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं.
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