आलू भारतीय रसोई की सबसे महत्वपूर्ण रेसीपी मानी जाती है. इसे सब्जियों का राजा कहा जाता है. इसे हर कोई पसंद करता और प्रत्येक घर में इसकी खरीदारी की जाती है. किसी भी प्रकार की रेसीपी बनाने में आलू का उपयोग किया जाता है इसलिए लोग सब्जी खरीदते वक्त आलू खरीदने को प्राथमिकता देते हैं. इसकी एक खासियत होती है कि इसके कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं इसलिए लोग रोज इसे खाना पसंद करते है. ऐसे में हम यह जानना जरूरी है कि आलू की खेती कैसे करते हैं इसके अलावा किस तरह से हम अपने घर पर आलू उगा सकते हैं. बता दें कि घर में आलू की खेती आसानी से की जा सकती है. इसके लिए जगह और कुछ सामग्री की जरूरत होती है जो आसानी से उपलब्ध हो जाती है.
आलू की खेती करने के लिए सबसे जरूरी है उत्तम क्वालिटी के बीज का चयन करना. क्योंकि इसी पर आलू का उत्पादन और गुणवत्ता निर्भर करती है. अगर आप अपने घर पर ही आलू की खेती करना चाहते हैं सबसे पहले इस बात का ख्याल रखें की खेती के लिए प्रमाणित बीज का चयन खेती. हालांकि कई हॉर्टिकल्चर एक्सपर्ट यह भी बताते हैं कि आलू को बिना बीज के भी उगाया जा सकता है. इसके अलावा अगर आलू में अंकुर निकल रहा है और उसे अपने घर में लगा दें तो इस तरह से भी घर में आलू की खेती की जा सकती है.
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आलू की खेती के लिए दूसरी इस बात का ख्याल रखना पड़ता है कि इसके लिए सही मिट्टी की चयन किया जाए. घर पर आलू उगाने के लिए सही मात्रा में खाद का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि सब्जी ठीक से विकसित हो सके. घर पर आलू की खेती के लिए 50 प्रतिशत मिट्टी, 30 प्रतिशत वर्मीकम्पोस्ट और 20 प्रतिशत कोको पीट को मिलाकर एक बड़े बर्तन में रख दें. इसमें आलू की पैदावार बेहतर होती है.
इसके अलावा आलू की खेती में मिट्टी की नमी बेहद मायने रखती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार आलू की खेती के लिए ठंड का मौसम सबसे बेहतर माना जाता है. इसके खेती में मिट्टी में नमी की मात्रा की जांच करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी अधिकता सब्जी को नुकसान भी पहुंचा सकती है. ऐसे में आलू के खेत को ना ही अधिक गिला रखे और ना ही अधिक सूखा रखें. नियमित अंतराल पर पानी दें पर इसका ख्याल रखें की वो गीली नहीं हो. क्योंकि अधिक पानी देने से आलू के बीज सड़ सकते हैं.
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आलू की खेती में अधिक उत्पादन हासिल करते के लिए और आलू के पौधों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए खाद बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वो आलू के पौधों को कीड़ों को बचाते हैं साथ ही रोग के प्रभाव से भी बचाते है. आमतौर पर, आलू के पौधे को विकसित होने में लगभग 2-3 महीने लगते हैं. आलू पक जाने के बाद खाद नहीं डालनी चाहिए.
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