मई और जून माह में बढ़ते टमाटर के भाव कई दिनों तक अखबारों की सुर्खियों में थे. लेकिन इस बार बैगन, भिंडी, मिर्च, तुरई, सब्जियों कि बढ़ती कीमतों नें रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. हलांकि, इन महीनों में सब्जियां सस्ती होती हैं, मगर इस साल उल्टा देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र में सब्जियों के दाम आसमान पर हैं. बढ़ते दामों का कारण बेमौसमी बारिश और मौसम में हो रहे बदलाव को बताया जा रहा है.
इस बार लगातार बदलते मौसम नें किसान ही नहीं बल्कि आम आदमी को भी परेशान कर दिया है. महाराष्ट्र में हुई बेमौसम बारिश के कारण खेतों में पानी भरने से सब्जियां खराब हो गईं.इसके चलते मार्केट में सब्जियों की आवक कम हो गई है, जिसने सब्जियों के दाम बढ़ा दिए हैं.
महाराष्ट्र के हिंगोली, नांदेड़, बीड, वाशिम, बुलढाणा जिले की सब्जीमंडी की बात करें तो यहां पर बैंगन 120 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. भिंडी 80 रुपये प्रति किलो और मिर्च 100 रुपये प्रति किलो बिक रही है. जबकि, तुरई 100 रुपये किलो, अदरक 160 रुपये किलो, करेला 100 रुपये किलो, लहसुन 200 रुपये किलो और वाटाना सब्जी 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है.इन सब्जियों के बढ़ते दामों का असर सीधे आम आदमी कि जेब पर पड़ रहा है.
केसापुर के किसान गणेश शिंदे नें कहा कि इस साल बेमौसम बारिश के कारण सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जिन किसानों की फसल बची थी बीमारियों और कीटों ने नष्ट कर दी है. इस सब वजह के चलते सब्जियां कम मात्रा में निकल रहीं है. वहीं, विक्रेताने ने कहा कि आमतौर पर बरसात और सर्दी के दिनों में मार्केट में सब्जियों कि आवक बढ़ जाती है और सब्जियों के दाम कम होते हैं. मगर इस साल बारिश और बदलते मौसम के कारण उल्टा हो गया है.
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बाधाओं के चलते मार्केट में सब्जियों कि जितनी आवक होनी चाहिए वह भी नहीं आ रही है. इस कारण सब्जियां महंगी मिल रहीं हैं. सब्जी विक्रेताओं ने कहा है कि अगले महीने तक ऐसे ही सब्जियों में तेजी देखने को मिल सकती है.
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