ओडिशा में पिछड़ रही है पीडीएमसी स्कीम, योजना में कम हो रही किसानों की भागीदारी

ओडिशा में पिछड़ रही है पीडीएमसी स्कीम, योजना में कम हो रही किसानों की भागीदारी

26 दिसंबर, 2023 तक 11 जिलों के एक भी किसान लाभार्थी ने अपनी पसंद की लघु सिंचाई प्रणाली के इंस्टॉलेशन के लिए राज्य सरकार के पोर्टल गो-सुगम में अपना नाम पंजीकृत नहीं कराया है.

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ओडिशा में पिछड़ रही है पीडीएमसी स्कीम, योजना में कम हो रही किसानों की भागीदारीDrip irrigation PDMC

ओडिशा में सिंचाई किसानों के लिए एक बड़ी परेशानी है. ओडिशा की पहचान कम सिंचाई कवरेज वाले राज्य के तौर पर होती है. हाल ही में यहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में कई छोटी बड़ी सिंचाई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. सिंचाई की समस्या के कारण कई किसान ढंग से खेती नहीं कर पाते हैं. वहीं खबर यह भी है कि ओडिशा को पिछले लतागार तीन वित्त वर्ष से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत संचालित योजना प्रति बूंद अधिक फसल (पीडीएमसी) के तहत कोई सहायता राशि नहीं मिली है. वित्त वर्ष 2021-22 से यह मामला चल रहा है. चालू वित्तीय वर्ष के केवल तीन महीने बचे हैं, 2023-24 की वार्षिक कार्य योजना लागू नहीं की गई है क्योंकि राज्य भर से केवल 58 किसान लाभार्थियों ने सूक्ष्म सिंचाई लेने के लिए योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण कराया है.

कृषि विभाग के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बताया कि पीडीएमसी योजना के तहत जिलावार लक्ष्य तय करने और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पंजीकृत लाभार्थियों को कार्य आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है, पर इसके बावजूद योजना को लेकर ऐसी निराशाजनक स्थिति देखी जा रही है. विभागीय सूत्रों ने आगे यह भी बताया कि  26 दिसंबर, 2023 तक 11 जिलों के एक भी किसान लाभार्थी ने अपनी पसंद की लघु सिंचाई प्रणाली के इंस्टॉलेशन के लिए राज्य सरकार के पोर्टल गो-सुगम में अपना नाम पंजीकृत नहीं कराया है. सात जिलों में से प्रत्येक में एक लाभार्थी ने वार्षिक कार्य योजना के तहत पंजीकरण कराया है.

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इन जिलों से एक भी किसान ने नहीं दिया है आवेदन

बलांगीर, भद्रक, देवगढ़, झारसुगुड़ा, कालाहांडी, कंधमाल, क्योंझर, कोरापुट, नयागढ़, नुआपाड़ा और सोनपुर जैसे जिलों में एक भी किसान लाभार्थी ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं है किया है. जबकि  बालासोर, कटक, ढेंकनाल, गजपति, गंजम, मलकानगिरी और रायगड़ा जिलों से केवल एक-एक किसान ने लाभ लेने के लिए अपना नाम दर्ज कराया है. पीडीएमसी के तहत पंजीकृत किसानों को उनकी पसंद की सूक्ष्म सिंचाई, ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई के कार्यान्वयन के लिए सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता दी जाती है. चूंकि परियोजना लागत अलग-अलग होती है इसलिए योजना के तहत छोटे और सीमांत किसान परियोजना लागत की 55 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जबकि अन्य किसानों के लिए यह 45 प्रतिशत है. अधिकतम पांच हेक्टेयर क्षेत्र के लिए किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. 

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योजना के तहत ओडिशा को अब तक मिले हैं 231 करोड़ रुपये

पीडीएमसी योजना के तहत जो सब्सिडी किसानों को जी जाती है उनमें 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार की तरफ से दी जाती है.  2015-16 में पीएमकेएसवाई योजना के शुरू होने के बाद से ओडिशा में इसके तहत लगभग 97,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा का लाभ मिल रहा है. जबकि विभाग के सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार को 2015-16 से 2021-22 तक पीडीएमसी के तहत 231 करोड़ रुपये मिले हैं, पीएमकेएसवाई डैशबोर्ड से पता चला है कि केंद्र से 2021-22 से 2023-24 तक राज्य को कोई फंड जारी नहीं किया गया है. 


 

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