वज्रपात की समस्या इस देश के लिए एक बड़ी चुनौती है. एनसीआरबी की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर साल देश में बिजली गिरने से औसतन ढाई हजार लोगों की मौत होती है. जिल तरह से जलवायु परिवर्तन का बदलाव देखा रहा है उस हिसाब से आने वाले समय में बिजली गिरने से मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता है. झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा ऐसे राज्य हैं जहां पर बिजली गिरने से होने वाली मौत का आंकड़ा अधिक होता है. मृतकों में सबसे अधिक संख्या किसानों की ही होती है, क्योंकि बारिश के दौरान वो ही खेतों में काम कर रहे होते हैं या फिर मवेशी को चराने के लिए घर से बाहर होते हैं.
बिजली गिरने से होने वाली मौत के आंकड़ों को कम करने और लोगों को इस आसमानी आफत से बचाने के लिए कृषि और वन विभाग ने आपदा की आशंका वाले क्षेत्रों में व्यापक तौर पर ताड़ के पेड़ लगाने के लिए कहा है. आपदा प्रबंधन की राज्य कार्यकारी समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने ताड़ के पेड़ लगाने का निर्देश जारी किया है.उन्होंने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में अधिक बिजली गिरती है उस क्षेत्र में वन और कृषि विभाग को ताड के पेड़ों के घनत्व को बढ़ाना चाहिए, खास कर तटीय क्षेत्र में मैंग्रोव के घनत्व में उल्लेखनीय वृद्धि करने का भी निर्देश दिया.
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बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने ओडिशा अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के लिए आधारभूत संरचना के विकास के लिए जिनमें बचाव उपकरण, सहायक उपकरण और वाहनों की खरीद के लिए फंड जारी किए हैं. इसके लिए गृह विभाग ने 240.33 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था, जिसके मुकाबले 159 करोड़ रुपये जारी किए हैं. एसईसी ने स्वीकृत वस्तुओं की खरीद के लिए गृह विभाग को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके लिए शेष राशि जारी की जाएगी. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 1 अप्रैल, 2023 को एसडीआरएमएफ की फंड स्थिति 3,765.74 करोड़ रुपये थी और केंद्र और राज्य के हिस्से सहित एसडीआरएमएफ का कुल कोष 2,358 करोड़ रुपये था. वर्ष 2023-24 के लिए एसडीआरएमएफ के पास 5,158.14 करोड़ रुपये का फंड था.
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इसके साथ ही कैपेसिटी बिल्डिग जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए विभिन्न विभागों को 1,158.23 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जबकि आपदा न्यूनीकरण के लिए 331.41 करोड़ रुपये दिए गए हैं. सरकार ने प्राकृतिक आपदा से लड़ने के लिए जिलों को 130.32 करोड़ रुपये दिये हैं. मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों से उपयोगिता प्रमाणपत्र समय पर जमा करना सुनिश्चित करने को कहा. निर्माण विभाग ने केंद्रपाड़ा, भद्रक, संबलपुर और कालाहांडी जिलों में आठ बाढ़ प्रतिरोधी सड़कों के निर्माण के लिए 81.28 करोड़ रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
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