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ओडिशा के ढेंकनाल जिले में आम के फलों पर रेड बैंड कैटरपिलर का प्रकोप, किसानों की बढ़ी चिंता

ओडिशा के ढेंकनाल जिले में आम के फलों पर रेड बैंड कैटरपिलर का प्रकोप, किसानों की बढ़ी चिंता

सदर ब्लॉक, ओडापाड़ा और बिम्बल क्षेत्रों में आम के किसानों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि शरुआती दौर में आम के पेड़ों में लदे मंजर को देखकर उन्हें अच्छी फसल की उम्मीद लगी थी, पर बाद में मौसम की मार पेड़ झेल नहीं पाए और अधिकांश मंजर झड़ गए या मुरझा गए. इसके बाद जब पेड़ों में फल लगना शुरू हुआ तो अब लाल बैंड कैटरपिलर की समस्या पैदा हो गई है.

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आम के फल में कीटों ने बढ़ाई किसानों की समस्या (सांकेतिक तस्वीर) आम के फल में कीटों ने बढ़ाई किसानों की समस्या (सांकेतिक तस्वीर)

गर्मियों का मौसम आ चुका है. इसके साथ ही आम के मौसम की भी शुरुआत हो चुकी है. आम की खेती करने वाले किसानों के लिए यह अच्छा समय होता है क्योंकि इस वक्त उन्हें आम बेचकर अच्छी कमाई होती है. पर ओडिशा के ढेंकनाल जिले के किसान इस बार अपने आम को लेकर चिंतित हैं. उन्हें इस बार अपने आम के बंपर उत्पादन की उम्मीद थी, जिससे उन्हें लग रहा था कि वो बेहतर कमाई कर पाएंगे. लेकिन लाल बैंड वाले कैटरपिलर से उनके सपनों पर पानी फेर दिया है. किसानों को इस बात की चिता सता रही है कि इस वर्ष उनका उत्पादन प्रभावित होने वाला है. 

ओडिशा की एक स्थानीय वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार सदर ब्लॉक, ओडापाड़ा और बिम्बल क्षेत्रों में आम के किसानों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि शुरुआती दौर में आम के पेड़ों में लदे मंजर को देखकर उन्हें अच्छी फसल की उम्मीद लगी थी. पर बाद में मौसम की मार पेड़ झेल नहीं पाए और सभी मंजर झड़ या मुरझा गए. इसके बाद जब पेड़ों में फल लगना शुरू हुआ तो अब लाल बैंड कैटरपिलर की समस्या पैदा हो गई है. इससे शुरुआती अवस्था में ही फल प्रभावित हो रहा है. पेड़ों में इस कीट की समस्या अब गंभीर रूप धारण कर चुकी है. 

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नहीं हुआ कीटनाशकों का असर

हालांकि आप के पेड़ों में बढ़ते कीट के प्रकोप को देखते हुए आम किसानों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया था और उनकी सलाह पर बहुत सारे कीटनशाकों का उपयोग भी किया था. पर उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकल पाया. एक स्थानीय किसान बिस्वजीन जेना ने कहा कि रेड बैंड कैटरपिलर ने उनकी आम की फसल को बहुत प्रभावित किया है. यह काफी तेजी से फैलता है. वहीं एक अन्य किसान अर्जुन महापात्र ने कहा कि लाल पट्टी वाला कैटरपिलर बगीचे में फूलों के साथ-साथ आम को भी बहुत तेज गति से खा रहा है. बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश और बिहार में किसानों ने दो साल पहले ऐसे कीटों के हमलों के कारण परेशानियों का सामना किया था.   

कई किसानों ने खेती के लिए लिया लोन 

ऐसा नहीं है कि पहली बार ढेंकनाल के आम किसान इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं. इससे पहले भी ढेंकनाल जिले में आम उत्पादक कई एकड़ भूमि पर एक ही कीट के हमले से जूझ रहे हैं. आज स्थिति यह है कि बहुत से किसान देश के अन्य हिस्सों के व्यापारियों की मांगों को पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं. किसानों के लिए समस्या इसलिए भी गंभीर है क्योंकि कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने आम की खेती के लिए लोन लिया है. अब उन्हें यह चिंता सता रही है कि वो अपना लोन कैसे चुका पाएंगे. वे ओडिशा सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि बीमा के लिए कोई प्रावधान नहीं है. 

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किसानों के पास नहीं है आम का स्टॉक

एक अन्य किसान ने कहा कि व्यापारी आम की मांग कर रहे हैं. पर स्थिति यह है कि किसानों के पास व्यापारियों को देने के लिए आम का स्टॉक नहीं है. वहीं ढेंकनाल के कृषि उपनिदेशक गीताश्री पाधी ने कहा, "एनासेर्टिन बेंजोएट नामक एक कीटनाशक है. यदि इसे एक सप्ताह के अंतराल के साथ तीन से चार बार उपयोग किया जाता है, तो लार्वा संक्रमण दूर हो जाएगा. बता दें कि ढेंकनाल जिले से आम दिल्ली, कोलकाता सहित देश के कई हिस्सों और यहां तक ​​कि बांग्लादेश और दुबई तक निर्यात किया जाता है.