Odisha agricultureदिल्ली नोएडा बॉर्डर पर जहां किसान अपनी मांगों लेकर आंदोलन कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ओडिशा में भी किसानों ने मांग ना पूरी होने पर 13 फरवरी से आंदोलन की चेतावनी दी है. मामला ओडिशा के बरगढ़ जिले का है.यहां के किसानों का आरोप है कि उन्हें फसल बीमा के दावों के भुगतान में देरी हो रही है. इस देरी के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए किसान 13 फरवरी से विरोध प्रदर्शन करेंगे. बरगढ़ में जिला प्रशासन और बीमा कंपनी के अधिकारियों के के साथ किसानों की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक के बाद ही किसानों नें आंदोलन करने का फैसला किया है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार किसानों ने बताया कि मिचौंग चक्रवात के प्रभाव के कारण बरगढ़ में पिछले साल 5 और 6 दिसंबर को जबरदस्त बारिश हुई थी. इस बारिश के कारण धान की फसल औऱ सब्जियों को काफी नुकसान हुआ था. उस वक्त भी प्रभावित किसानों ने फसल क्षति का तत्काल आकलन कर बीमा राशि देने की मांग की थी. हालांकि, करीब दो महीने का समय बीत जाते के बाद भी बड़ी संख्या में किसानों को बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया है. इसके कारण किसान गुस्से में हैं.
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वहीं किसान नेता रमेश महापात्र ने कहा कि दिशानिर्देशों के अनुसार, फसल नुकसान का आकलन 10 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए और 15 दिनों के भीतर किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया जाना चाहिए.जबकि अभी भी जिले के कुछ स्थानों पर दिसंबर महीने में हुए नुकसान का मूल्यांकन का कार्य जारी है. महापात्रा ने आगे कहा कि हालांकि जिला प्रशासन ने इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर लिया था, लेकिन प्रशासनिक कर्मचारियों के फेरबदल के कारण वितरण प्रक्रिया में देरी हुई. इसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए किसानों को बुलाया गया था, लेकिन बीमा कंपनी ने प्रक्रिया में तेजी लाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.
कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अप्रत्याशित रूप से बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनका वर्तमान में सत्यापन किया जा रहा है. जब उनसे क्षेत्र सत्यापन में देरी के बारे में पूछा गया, तो अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने दिसंबर में बारिश के बाद फसल के नुकसान का ड्रोन सर्वेक्षण पहले ही पूरा कर लिया है.महापात्रा ने कहा कि अगर बीमा कंपनी एक सप्ताह के भीतर फसल नुकसान के दावों का भुगतान करने में विफल रहती है, तो किसान 13 फरवरी से आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे. किसान नेता ने कहा कि हमने पहले ही संबंधित अधिकारियों और बीमा कंपनी को अपने फैसले के बारे में जानकारी दे दी है.
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सूत्रों ने बताया कि फसल बीमा के लिए कम से कम 58,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं. फ़ील्ड सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार, मिचुआंग के दौरान 41,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर फसलों को नुकसान हुआ है. जबकि बीमा कंपनी ने अब तक 400 हेक्टेयर से अधिक फसल क्षतिपूर्ति के दावों का ही भुगतान किया है. जबकि कुछ स्थानों पर फील्ड का सत्यापन होना अभी भी बाकी है. कुछ किसानों ने तो यहां तक आरोप लगाया कि बीमा कंपनी के अधिकारी उनके दावों को मंजूरी देने के लिए उनसे पैसे की मांग कर रहे थे.
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