लोकसभा चुनाव प्रचार को लेकर सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत के साथ प्रचार कर रही हैं और अपने वादों से जनता को लुभाने में लगी हुई हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने मध्यप्रदेश के सिवनी में चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगामी लोकसभा चुनाव जीतने का भरोसा जताया और घोषणा की कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के बैंक खातों में सालाना 1 लाख रुपये ट्रांसफर करेगी. बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में आदिवासियों को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि आदिवासी इस जमीन के मूल मालिक हैं और इस बात पर दुख जताया कि समुदाय का कोई भी व्यक्ति देश की शीर्ष 200 कंपनियों के प्रमोटरों या उनके मैनेजमेंट में शामिल नहीं है.
मंडला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत सिवनी जिले के धनोरा में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की अगली सरकार बनने पर बेरोजगार युवाओं को गारंटीशुदा जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी. मंडला में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह सिर्फ एक साल में मूल निवासियों के उनके जमीन से संबंधित समस्याओं का समाधान कर देगी. उन्होंने कहा कि "हमारे घोषणापत्र में तीन से चार क्रांतिकारी कदमों का उल्लेख है, जैसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों, पिछड़े वर्गों और गरीब परिवारों की महिलाओं के (बैंक) खातों में 1 लाख रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. इस तरह हम उनके खातों में प्रत्येक महीने हजारों रुपये दिए जाएंगे.
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राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में आशा वर्कर और आंगनवाड़ी सहायिका कार्यकर्ताओं को भुगतान की जाने वाली धनराशि को दोगुना करने का भी वादा किया गया है. साथ ही कहा कि "हम यह सुनिश्चित करने के लिए एक नया कानून लाएंगे कि देश के प्रत्येक बेरोजगार युवा को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में एक साल की अप्रेंटिसशिप मिलेगी, जिसके दौरान उन्हें भत्ते के रूप में 1 लाख रुपये भी मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अप्रेंटिसशिप पूरी करने के बाद अच्छा प्रदर्शन करने पर उन्हें उसी स्थान पर नौकरी मिल जाएगी. केंद्र में सरकार बनाने के बाद हम रोजगार में ठेकेदारी प्रथा खत्म करेंगे और सरकारी क्षेत्र में 30 लाख रिक्तियां भरेंगे.
केरल से लोकसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाएगी कि किसानों को उनकी फसलों के लिए पर्याप्त एमएसपी मिले, जिसके लिए वे लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझकर आदिवासियों को उनकी जमीन से उखाड़ने और जल, जंगल और जमीन पर उनका पहला अधिकार छीनने के मकसद से उन्हें "आदिवासी" (मूल निवासी) कहने के बजाय "वनवासी" (वनवासी) कह रही है. उन्होंने कहा, "बीजेपी आदिवासियों की जमीन उद्योगपतियों को देना चाहती है.
कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा, "कांग्रेस आप सभी को 'आदिवासी' कहती है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी आपको 'वनवासी' कहते हैं. ये दो शब्द दो अलग-अलग विचारधाराओं को दर्शाते हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासी का मतलब वे लोग हैं जो जमीन के मालिक हैं. वे जमीन, जल, जंगल और धन के मूल मालिक हैं. गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए आदिवासियों को जमीन का अधिकार दिया. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस सरकार ने आपको जमीन का अधिकार दिया.
गांधी ने आरोप लगाया, जब आदिवासी रोजगार, शिक्षा और मुआवजा (अपनी जमीन के लिए) मांगते हैं तो बीजेपी उन्हें जेल में डाल देती है. उन्होंने पिछले साल सीधी जिले में पेशाब करने की घटना का जिक्र किया, जहां पीड़िता एक आदिवासी थी और उस अप्रिय घटना को लेकर बीजपी पर हमला बोला, जिसका वीडियो वायरल हो गया था. इस घटना ने देश भर में आक्रोश पैदा कर दिया था, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पीड़ित को अपने आधिकारिक आवास पर बुलाना पड़ा और प्रायश्चित के रूप में उसके पैर धोने पड़े.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत में कुल आबादी का 8 प्रतिशत से अधिक आदिवासी हैं, लेकिन उनमें से कोई भी शीर्ष 200 कंपनियों का मालिक या उनके वरिष्ठ प्रबंधन का हिस्सा नहीं था. 90 आईएएस अधिकारियों में सिर्फ एक आदिवासी नौकरशाह है जो देश चला रहा है और (विभिन्न सरकारी विभागों को) बजट आवंटित कर रहा है. उन्होंने मीडिया में उनके कम प्रतिनिधित्व की ओर इशारा करते हुए कहा, मुझे किसी मीडिया आउटलेट के एक आदिवासी मालिक या समुदाय से एक न्यूज एंकर को दिखाएं.
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उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह (संविधान की) छठी अनुसूची को सख्ती से लागू करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में निर्णय स्थानीय स्तर पर किए जाएं और दिल्ली या भोपाल द्वारा थोपे न जाएं. कांग्रेस सांसद ने कहा, यह अनुसूची उन क्षेत्रों में लागू की जाएगी जहां मूल निवासियों की आबादी 50 प्रतिशत है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और विधायक ओमकार सिंह मरकाम को आदिवासी-आरक्षित मंडला निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के खिलाफ मैदान में उतारा है.
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