पोंगल त्योहार के मौके पर तमिलनाडु में आयोजित जल्लीकुट्टू खेल के दौरान तीन दर्शकों समेत एक 13 साल के बच्चे की मौत हो गई. जबकि 100 से अधिक दर्शक और खेल में शामिल प्रतिभागी घायल हो गए. घटना शिवगंगा के सिरावयल स्थित मंजुविरट्टू अखाड़े की है,जहां पर जब खेल के लिए सांडों को खेल के लिए खुला छोड़ा गया तो उन्होंने भीड़ पर हमला कर दिया. इसके बाद जब भगदड मच गई तो सांड और भी उग्र हो गए और दर्शकों पर धावा बोल दिया. इस हमले में तीन लोगों की जान चली गई, जिसमें एक 13 साल का नाबालिग भी शामिल है.
गौरतलब है कि मंजुविरट्टू जल्लीकट्टू का एक रुप है. इस खेल में लोग बैल का पीछा करते हुए एक लंबे गलियारे में दौड़ते हैं. इसके बीच में दर्शक रहते हैं तो लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए नारेबाजी करते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार मुदुरै के एलियारपति में पोंगल कार्यक्रम से पहले खंभें से बंधे हुए एक जल्लीकट्टू बैल ने एक 22 वर्षीय व्यक्ति को घायल कर दिया. इसके बाद पुलिस ने पीड़ित के पिता की शिकायत के आधार पर बैल के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. जिसमें बैल के मालिक पर अक्रामक जानवर को संभालने में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है.
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जल्लीकट्टू तमिल भाषा का एक शब्द है. यह कालीकट्टू शब्द से बना है. काली मतलब सिक्का होता और कट्टू मतलब बांधना होता है. इस खेल में पहले के दिनों में बैलों के सीगों में सिक्कों की पोटली बांध दी जाती थी और जो भी उस बैल को 15 मीटर की निर्धारित दूरी के अंदर पकड़ लेता था, वह विजेता होता था और उसे वह पोटली इनाम के दौर पर दी जाती थी. इसके लिए बैल को एंट्री गेट पर छोड़ा जाता है, जहा पर खिलाड़ी बैल को पकड़ने के लिए तैयार रहते हैं. इस खेल को तमिलनाडु के गौरव और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है. माना जाता है कि यह खेल पिछले 2000 सालों से खेला जा रहा है.
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जल्लीकट्टू एक बेहद खतरनाक खेल होता है. इस खेल के कई नियम होते हैं. आमतौर पर आठ राउंड में जल्लीकट्टू खेल का आयोजन किया जाता है. हर राउंड में पकड़ने के लिए 50 से 75 बैल छोड़े जाते हैं. जो व्यक्ति अधिक बैलों को पकड़ता है उसे अगले राउंड में एंट्री मिलती है. इस खेल में सांड या बैल के कूबड़ को पकड़ कर उसे काबू में किया जाता है. इसके साथ ही उसके सींग और पूंछ को भी पकड़कर रखना पड़ता है. इस खेल में जीतने के लिए सांड को एक तय समय पर काबू में रखना पड़ता है. इस तरह से जो अधिक समय तक सींग और पूंछ पकड़कर रहता है वह विजेता माना जाता है.
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