पंजाब के इन ज़िलों में बंद हैं इंटरनेट सेवाएं, ऑनलाइन बैंकिंग पर भी है असर

पंजाब के इन ज़िलों में बंद हैं इंटरनेट सेवाएं, ऑनलाइन बैंकिंग पर भी है असर

हरियाणा सरकार ने भी अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और बल्क एसएमएस निलंबित कर दिया है. खास बात यह है कि केंद्र ने पंजाब के इन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के लिए 1885 के टेलीग्राफ अधिनियम के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया है.

Advertisement
पंजाब के इन ज़िलों में बंद हैं इंटरनेट सेवाएं, ऑनलाइन बैंकिंग पर भी है असरकिसान आंदोलन के चलते इंटरनेट सेवा निलंबित. (सांकेतिक फोटो)

किसान आंदोलन को देखते हुए पंजाब के पटियाला, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब सहित कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं का निलंबन 24 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है. यानी इन जिलों के लोग 24 फरवरी तक सोशल मीडिया का उपयोग नहीं कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर इंटरनेट सेवाओं का निलंबन का आदेश आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है.  इससे पहले किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर 12 फरवरी से 16 फरवरी तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं.

मंत्रालय के 16 फरवरी के आदेश के अनुसार, पटियाला के शंभू, जुलकन, पासियान, पाट्रान, शत्रुना, समाना, घनौर, देवीगढ़ और बलभेरा पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. इसी तरह मोहाली के लालरू पुलिस स्टेशन, बठिंडा के संगत पुलिस स्टेशन और मुक्तसर के किल्लियांवाली पुलिस स्टेश इलाकों में इंटरनेट सेवाएं 24 फरवरी तक बंद रहेंगी. इसके अलावा मनसा के सरदूलगढ़, बोहा पुलिस स्टेशन, संगरूर के खनौरी, मूनक, लेहरा, सुनाम, छाजली पुलिस स्टेशन और फतेहगढ़ साहिब पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. वहीं, इंटरनेट सेवा निलंबित होने से ऑनलाइन बैंकिंग पर भी असर पड़ा है. लोग मोबाइल से कैश ट्रांसफर नहीं कर पा रहे हैं. 

ये भी पढ़ें- Farmers Protest: SKM ने सरकार का प्रस्ताव ठुकराया, फसलों की MSP गारंटी पर नहीं बनी बात, 21-22 फरवरी को आंदोलन पर फैसला लेंगे

हरियाणा में भी इंटरनेट सेवा निलंबित

हरियाणा सरकार ने भी अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और बल्क एसएमएस निलंबित कर दिया है. खास बात यह है कि केंद्र ने पंजाब के इन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के लिए 1885 के टेलीग्राफ अधिनियम के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 15 फरवरी को चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक के दौरान चुनिंदा क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के संबंध में मुद्दा उठाया था.

क्या है किसानों की मांग

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और ऋण माफी पर कानून सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. पंजाब के किसानों ने मंगलवार को अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया, लेकिन पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया. प्रदर्शनकारी किसान तब से सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं.

ये भी पढ़ें-  UP Police एडमिट कार्ड पर सनी लियोनी की फोटो, परीक्षा नहीं दे पाया किसान का बेटा, पुलिस सॉल्वर गैंग एंगल जांच रही 

किसान नेताओं ने सरकार के दावे को झूठा करार दिया

वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सूबे में 14 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने के दावे को झूठा करार दिया है. संगठन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि खट्टर के इस बयान से प्रदेश के सभी किसान संगठन और किसान बड़े हैरान हैं. उन्होंने कहा कि 14 फसलों की खरीद वाला बयान देश व प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाला और तथ्यहीन है.

 

POST A COMMENT