ओलावृष्टि और बारिश के कारण हुए फसल नुकसान के कारण परेशानी झेल रहे हरियाण के किसानों को जल्द ही राहत मिलने वाली है. प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने के लिए काम शुरू किया जाए. उन्होंने फसल नुकसान का आकलन करने के लिए गिरदावरी करने का आदेश दिया है. हरियाणा में इस वक्त एमएसपी पर गेहूं की खरीद की जा रही है. गेहूं बिकने के लिए मंडियों में रखी गई है, इसके अलावा किसान अपनी खड़ी फसल को काट रहे हैं साथ ही कई किसानों की फसल काटने के तैयार है. इस बीच राज्य के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई साथ ही जबरदस्त ओलावृष्टि हुई. इससे मंडियों में रखी गेहूं की फसल भीग कर पूरी तरह से बर्बाद हो गई जबकि ओलावृष्टि से कारण खेत में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने शनिवार को करनाल के इंद्री में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जायजा लिया. इंद्री का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने अधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा था कि सभी अधिकारियों और सभी पटवारियों को फसलों का जायजा लेने और जो भी नुकसान हुआ है उसकी तुरंत गिरदावरी कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जा सके. इंद्री इलाके में 15-20 तक जोरदार ओलावृष्टि हुई थी इसके कारण मंडियों में रखे गेहूं के बोरे के उपर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई थी.
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पीटीआई के मुताबिक इस मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की लापरवाही ने एक बार फिर किसानों की मेहनत को बर्बाद कर दिया है. विपक्ष के नेता हुड्डा ने दावा किया कि बेमौसम बारिश ने अनाज मंडियों की अव्यवस्था को उजागर कर दिया है.पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने न तो मंडियों में सुचारू खरीद की और न ही फसलों को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल और बारदाने की व्यवस्था की. हुड्डा ने एक बयान में कहा, किसान कई दिनों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. मंडियों में नियमित खरीद और उठान की कोई व्यवस्था नहीं थी. उठान में कमी के कारण किसानों को भुगतान नहीं किया जा रहा है.
भूपिंदर सिंह हुड्डा कहा कि 72 घंटे के भीतर भुगतान का दावा करने वाली सरकार की हकीकत एक बार फिर उजागर हो गई है. उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि मौसम विभाग की अग्रिम चेतावनी के बावजूद सरकार सोती रही. लिफ्टिंग नहीं हो पाने के कारण बाजार अनाज से भर गए हैं. मजबूरी में किसान अपना गेहूं सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि जिन किसानों को बारिश के कारण नुकसान हुआ है, उन्हें सरकार को मुआवजा देना चाहिए. साथ ही कहा कि किसानों की समस्याओं को कम करने के लिए नमी छूट की सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए.
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इस बीच, हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने उपायुक्तों को प्रभावित किसानों के लिए समय पर मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का तुरंत सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों की संतुष्टि सर्वोपरि है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्य सचिव हरियाणा में रबी विपणन सीजन के दौरान डीसी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों, भारतीय खाद्य निगम के प्रतिनिधियों और विभिन्न अन्य एजेंसियों के साथ चल रही खरीद गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे.
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