GI Tag यानी असली की गारंटी, जानिए कैसा मिलता है यह 'लाइसेंस'

GI Tag यानी असली की गारंटी, जानिए कैसा मिलता है यह 'लाइसेंस'

GI Tag राज्य या केंद्र सरकार की इकाई द्वारा वस्तुओं के भौगोलिक संकेत 1999 द्वारा विनियमित किया जाता है. किसी भी वस्तु की क्वालिटी को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए और उसके उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जीआई टैग दिए जाने का प्रावधान है.

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GI Tag यानी असली की गारंटी, जानिए कैसा मिलता है यह 'लाइसेंस'लीची के फल

जीआई टैग (GI Tag) यह एक ऐसा शब्द है जो हाल के दिनों में काफी प्रसिद्ध हुआ है. लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं कि यह क्या है. यह क्यों दिया जाता है, किसे दिया जाता और इसे हासिल करने की प्रक्रिया क्या होती है. तो सबसे पहले जानते हैं कि इसका फुल फॉर्म क्या होता है? जीआई टैग का अर्थ जियोग्राफिलक इंडिकेशन टैग होता है. किसी खास क्षेत्र में उगने वाले उत्पाद को उनकी पहचान दी जाती है, इसे ही जीआई टैग कहते हैं. एक शहर, क्षेत्र या देश से संबंधित कुछ उत्पादों को विशेष पहचान देने और उसे बढ़ावा दिया जाता है. इससे उत्पाद की खेती या उसे बनाने को लेकर प्रोत्साहन मिलता है. यह किसी खास उत्पाद की क्वालिटी और विशेषता को देखकर दिया जाता है. 

किसी भी वस्तु की क्वालिटी को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए और उसके उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जीआई टैग दिए जाने का प्रावधान है. जीआई टैग का महत्व यह है कि यह टैग मिल जाने के बाद किसी भी राज्य या शहर के विशिष्ट उत्पाद या वस्तुओं को कानूनी तौर पर संरक्षित किया जा सकता है. यह टैग एक तरह से उस खास उत्पाद की क्वालिटी का पैमाना होता है. यह मिल जाने से उस उत्पाद की मार्केटिंग आसान हो जाती है क्योंकि उस नाम से कोई दूसरा उत्पाद फिर बाजार में नहीं लाया जा सकता है. 

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300 से अधिक वस्तुओं को मिला टैग

देश में इस समय लगभग 300 से ज्यादा वस्तुओं को जीआई टैग मिल चुका है. इसमें ओडिशा के मयूरभंज जिले की लाल चींटी की चटनी से लेकर रामनगर की लीची, अयोध्या के हनुमान गढ़ी के बेसन के लड्ड तक को जीआई टैग मिला हुआ है. जीआई टैग न सिर्फ एक ही राज्य में किसी फूड को दिया जाता है, बल्कि अलग-अलग राज्य एक ही वस्तु को जीआई टैग दे सकते हैं. जीआई टैग किसी भी वस्तु या प्रोडक्ट को 10 साल के लिए मिलता है. उसके बाद इसे दोबारा रिन्यू कराना पड़ता है. ऐसे में अब यह जानना जरूरी हो जाता है कि जब जीआई टैग के इतने फायदे हैं तो यह मिलता कैसे है? 

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ऐसे मिलता है जीआई टैग

किसी राज्य, जिला या क्षेत्र विशेष की वस्तुओं को जीआई टैग दिलाने के लिए या उसके लिए जीआई टैग हासिल करने के लिए उत्पाद के बनाने वाले या उगाने वाले संगठन या सरकार के तहत काम करने वाली संस्थाओं को जीआई टैग लेने के लिए Controller General of Patents, Designs and Trade Marks (CGPDTM) में आवेदन करना पड़ता है. इसके बाद CGPDTM अपने द्वारा तय किए गए मानकों के आधार पर उत्पाद की क्वालिटी और विशेषता की जांच करता है. सब कुछ सही पाए जाने के बाद ही उत्पाद को जीआई टैग दिया जाता है. जीआई टैग मिलने के बाद प्रोडक्ट्स की वैल्यू बढ़ जाती है.

 

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