देश में इस समय मॉनसून की मौसम सक्रिय है और बारिश भी लगातार जारी है. बारिश का मौसम जहां गर्मी से छुटकारा दिलाता है तो वहीं कई बीमारियों को भी दावत देता है. चिकनगुनिया ऐसी बीमारी है जिसका खतरा मॉनसून में चार गुना तक हो जाता है. कुछ ऐसा ही इस समय भी हो रहा है. चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रहा है. इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह होती है सही खान-पान न होना और सफाई को नजरअंदाज करना. इसकी वजह से जहां संक्रमित व्यक्ति को जान का खतरा तो होता है तो घर के बाकी सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. ऐसे में अगर इन बीमारियों से बचना है और छुटकारा पाना है तो इन बातों पर खास ध्यान देने की जरूरत है.
चिकनगुनिया बुखार एक तरह के वायरस से फैलता है जिसे अल्फा के नाम से जानते हैं. यह वायरस एडिज मच्छर के काटने से फैलता है. चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी भी है. इससे पीड़ित किसी व्यक्ति को कोई मच्छर काटता है और फिर वही मच्छर किसी और को काट लेता है तो अल्फा वायरस उस मच्छर की वजह से दूसरे व्यक्ति तक भी पहुंच जाता है. इस वजह से वह व्यक्ति भी चिकनगुनिया से पीड़ित हो जाता है. मादा मच्छर एडिज Aegypti और एडिज Albopictus मच्छर की प्रमुख प्रजातियां हैं जो इस बीमारी को फैलाती हैं. ये मच्छर दिन में काटते हैं. चिकनगुनिया के वायरस से लैस एक मच्छर अपने जीवन काल में करीब एक दर्जन लोगों को इन्फेक्ट कर सकता है.
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अगर आपको भी इस तरह के लक्षण महसूस हो रहा हैं या अपने किसी करीब में नजर आ रहे हैं तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जायें और अपना ब्लड टेस्ट जरूर करवायें. टेस्ट करवाने के बाद अगर रिपोर्ट्स नेगेटिव हैं तो परेशानी की कोई बात नहीं है. लेकिन अगर आपकी रिपोर्ट्स पॉजिटिव हैं तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सही इलाज के लिए जो जागरुकता अभियान चलाएं जाते हैं उनका फायदा उठाइए. सही परामर्श लें ताकि समस्या और ज्यादा गंभीर न बन सकें. पूरी तरह से ठीक होने तक डॉक्टर की सलाह के मुताबिक घर पर ही आराम करें.
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