किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से मारे गए किसान शुभकरण सिंह की अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी. सभी तैयारियों को अंतिम रुप दे दिया गया है. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत संगठन के नेता बठिंडा के बल्लों गांव से किसान शुभकरण सिंह की अस्थि कलश एकत्रित करेंगे. यह यात्रा शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से शुरू होगी. इन दोनों की जगहों पर एक एक अस्थि कलश पहुंचाया जाएगा. इसके बाद से यात्रा शुरू होगी. इस अस्थि कलश यात्रा को हरियाणा के गांव-गांव तक ले जाया जाएगा.
अस्थि कलश यात्रा को लेकर पीटीआई से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान आज दोनों मंचों के बड़े नेताओं के नेतृत्व में सुबह 10 बजे किसान अस्थि लेने के लिए मृतक शुभकरण सिंह सिंह के घर पहुंचेंगे.इसके बाद वो शाम तक वापस लौट जाएंगे.इसके बाद कल सुबह 11 बजे शंभू और खनौरी बॉर्डर से यात्रा शुरू होगी. दोनों की सीमाओं से यात्रा शुरू होगी जो हरियाणा के गांव-गांव तक जाएगी. इससे पहले किसान नेताओं ने इस अस्थि कलश यात्रा में अधिक से अधिक किसानों को शामिल होने की अपील की है.
ये भी पढ़ेंः किसानों की महापंचायत संपन्न, 1000 से अधिक बसों से पंजाब रवाना हुए किसान, 23 मार्च को बड़े कार्यक्रम की तैयारी
किसान नेता आज बल्लों गांव से अस्थि कलश को लेकर निकलेंगे. इसके बाद 16 मार्च से खनौरी और शंभू बॉर्डर से यात्रा शुरू होगी. इससे पहले किसान नेताओं ने बताया था कि 22 मार्च को हिसार के माजरा प्याऊ और 31 मार्च को मोहड़ी मंडी अंबाला में विशाल शहीदी समारोह का आयोजन किया जाएगा. सगंठन के तरफ से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान किसान सरकार से सवाल पूछेंगे. इस दौरान किसान अपनी मांगों को फिर से सरकार के सामने रखेंगे, साथ ही किसानों के हाथों में तख्तियां रहेंगी जिनमें आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के फोटो रहेंगे. संगठन के नेताओं ने यह भी कहा है कि अगर सरकार और उसकी सहयोगी पार्टियों की तरफ से किसानों को जवाब नहीं मिलेगा तो किसान काले झंडे दिखाकर अपना विरोध जताएंगे.
ये भी पढ़ेंः गुजरात के किसानों को बड़ी राहत, अब नर्मदा से 31 मार्च तक मिलेगा सिंचाई का पानी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शंभू बॉर्डर से शुरू होने वाली अस्थि कलश यात्रा जीटी रोड में पड़ने वाली सभी जिलों को कवर करेगी. इस क्षेत्र में लगभग छह जिले आते हैं. प्रत्येक जिले में यात्रा दो दिनों तक रहेगी. जहां पर रात हो जाएगी वहीं पर यात्रा में शामिल किसान रात में रुक जाएंगे. कोशिश यही की जाएगी कि यात्रा के दौरान अधिक से अधिक गांवों को कवर किया जाए. इस दौरान किसान नेता कई जगहों पर रुक-रुक कर छोटी सभाएं की कर सकते हैं और ग्रामीणों और किसानों को सरकार से सवाल पूछने के लिए जागरूक किया जाएगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today