
फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने समेत कई अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे किसानों ने आज दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत की. महापंचायत के लिए 14 मार्च की सुबह से ही किसान पहुंचने लगे थे और दोहपर 2.30 बजे के बाद महापंचायत का समापन कर दिया गया. करीब 2000 बसों से सवार होकर दिल्ली आए किसान अब पंजाब लौट रहे हैं. जबकि, देश के अन्य हिस्सों से भी आए किसान दिल्ली से अपने शहरों की ओर लौट रहे हैं. किसानों ने 23 मार्च को बड़े कार्यक्रम की बात कही है. इसके अलावा अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करते रहने का ऐलान किया है. जबकि, केएमपी एक्सप्रेसवे पर आंदोलन को लेकर अभी तारीख फाइनल नहीं की गई है.
किसान महापंचायत में एसकेएम से जुड़े 30 से ज्यादा बड़े किसान संगठनों के किसान 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मौदान में जुटे. दिल्ली पुलिस प्रशासन ने 5000 किसानों को दिल्ली में आने की अनुमति दी थी. महापंचायत के लिए तड़के सुबह से ही किसान रामलीला ग्राउंड पहुंचने लगे थे. सुबह 10 बजे से महापंचायत की शुरूआत हुई. कार्यक्रम में राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत कई किसान नेताओं ने किसानों को संबोधित किया और अपनी मांगों को लेकर बात रखी. दोपहर 2.30 बजे महापंचायत का समापन किया गया.
महापंचायत में किसान नेताओं ने आगे की रणनीति का खुलासा नहीं किया. किसानों ने कहा कि अब 23 मार्च को बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा. इस दिन क्रांतिकारी भगत सिंह का शहीदी दिवस है. इस दिन किसान गांव-गांव जाकर लोगों को अपने आंदोलन से जुड़ने की अपील करेंगे और अपनी मांगों के बारे में बताएंगे. कहा जा रहा है कि 23 मार्च को ही किसान आंदोलन की अगली रणनीति का खुलासा होगा. हालांकि, राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि अगला आंदोलन केएमपी एक्सप्रेसवे पर होगा. लेकिन, इसकी अभी कोई तारीख नहीं बताई गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 23 मार्च को इस पर भी फैसला किया जा सकता है.
पंजाब के संगरूर से आए किसानों ने बताया कि पंजाब से करीब 2000 बसों पर सवार होकर किसान रामलीला मैदान पहुंचे थे. किसानों ने बताया कि 140 बसें अकेले संगरूर से आईं थीं. संगरूर के खनौरी में किसान 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, भटिंडा से आए किसानों ने बताया कि वह 10 बसों में सवार होकर दिल्ली आए हैं. महापंचायत संपन्न होने के बाद सभी किसान बसों में सवार होकर वापस लौट रहे हैं. जबकि, बड़ी संख्या में किसान ट्रेनों से भी महापंचायत में पहुंचे थे.
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