देश की जीडीपी में कृषि बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. कोरोना काल में भी जब सभी सेक्टर में गिरावट देखी जा रही थी ऐसे में सिर्फ कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र रहा जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर नहीं होने दिया. पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में एक लिखित जवाब देते हुए कहा कि "अर्थव्यवस्था के कुल सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में कृषि का हिस्सा 1990-91 में 35 प्रतिशत था जो उस समय से घटकर 2022-23 में अब 15 प्रतिशत हो गया है. कृषि क्षेत्र से होने वाली कमाई में यह गिरावट कृषि जीवीए में गिरावट से नहीं बल्कि औद्योगिक और सेवा क्षेत्र जीवीए में हो रहे तेजी से विस्तार के कारण आई है.
सरकार की तरफ से मंगलवार को बताया गया कि औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में तेजी से वृद्धि के कारण भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 1990-91 में 35 प्रतिशत से घटकर पिछले वित्तीय वर्ष में 15 प्रतिशत हो गया. हालांकि पिछले पांच वर्षों के दौरान कृषि और संबंधित क्षेत्र में काफी विकास हुआ है. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने जवाब में कहा कि कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों में पिछले पांच वर्षों में विकास हुआ है. इस दौरान औसतन कुल चार प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की गई है.
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इसके आगे उन्होंने वैश्विक अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि जहां तक वैश्विक अनुभव का सवाल है, विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि की हिस्सेदारी में भी पिछले दशकों में गिरावट आई है और हाल के वर्षों में यह लगभग 4 प्रतिशत दर्ज कि गई है कृषि मंत्री ने अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार ने कृषि में उपज बढ़ाने के साथ साथ, कृषि के लिए उपलब्घ संसाधन के बेहतर उपयोग करके दक्षता बढ़ाने के साथ-साथ टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में कई विकासात्मक कार्यक्रमों, योजनाओं, सुधारों और नीतियों को अपनाया/कार्यान्वित किया है. इसका लाभ किसानों को मिल रहा है औऱ जमीनी स्तर पर इसके बदलाव भी दिखाई दे रहे हैं.
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उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि पीएम-किसान योजना 2019 में शुरू की गई थी. यह एक आर्थिक सहायता योजना है, जिसके तहत किसानों को तीन किस्तो में 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है जो सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है. उन्होंने बताया कि 30 नवंबर, 2023 तक 11 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में अब तक 2.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए जा चुके हैं.
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