Agriculture Live Blogउत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ ही मौसम पूरी तरह से बदल चुका है और बदल चुका है किसानों के लिए बुआई का सीजन. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में शीतलहर के साथ ही किसान भी रबी की फसलों की बुआई में जुट गए हैं. मौसम विभाग (IMD) ने इस बार कड़ाके की ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया है और किसानों को तैयार रहने की सलाह दी है. वहीं दूसरी ओर कर्नाटक और तमिलनाडु समेत दक्षिणी राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी है. देश में रबी का सीजन की फसलों की बुआई जोर-शोर से जारी है तो खरीफ फसलों की खरीद का काम भी एक तरफ चल रहा है. आपको खाद-बीज से लेकर, खेती और गार्डनिंग के टिप्स और किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाओं की जानकारियां और देशभर में हो रहे बड़े घटनाक्रमों की हर अपडेट भी इस लाइव और लगातार अपडेट के साथ मिलती रहेगी.
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर पटना में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अलावा सरकार को डेयरी विभाग अलग से खोलने की जरूरत है. वहीं उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर मैं आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर अलग डेयरी विभाग खोलने की बात कहूंगा, क्योंकि डेयरी विभाग अलग खुलने से हम दूध के क्षेत्र में और बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं.इस कार्यक्रम में विभाग की सचिव डॉक्टर एन. विजयलक्ष्मी ने कहा कि बिहार पशुपालन के क्षेत्र में पूरे देश में चौथे स्थान पर है, लेकिन दूध उत्पादन में अभी हम काफी पीछे हैं, जिसको लेकर हमें और काम करने की जरूरत है.आज कृषि से कहीं ज्यादा पशुपालन क्षेत्र में किसानों को अच्छी कमाई हो सकती है. जहां किसान धान गेहूं को बेचकर 20 से 25 हजार रुपये की कमाई करता है, वहीं पशुपालन से लोग लाखों में कमाई कर रहे हैं. ऐसे में इसे और बेहतर तरीके से करने की जरूरत है.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मलक्का जलडमरूमध्य के ऊपर बना गहरा दबाव बुधवार को चक्रवाती तूफान ‘सेन्यार’ में बदल गया और दोपहर में इसके इंडोनेशिया के तट पर पहुंचने की संभावना है. इस बीच, एजेंसी ने यह भी कहा है कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और दक्षिण श्रीलंका के आस-पास के इलाकों में बना कम दबाव का क्षेत्र एक ‘अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव वाले क्षेत्र’ में बदल गया है और इसके एक दबाव में बदलने की उम्मीद है.
हरियाणा में धान खरीद घोटाले के गंभीर मामले को लेकर 26 नवंबर 2025 को चंडीगढ़ में एक अहम प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुरनाम सिंह चढ़ूनी मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बात रखेंगे. कार्यक्रम बुधवार दोपहर 12 बजे प्रेस क्लब, सेक्टर 27B में होगा. आयोजकों ने मीडिया प्रतिनिधियों से अपील की है कि घोटाले से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत जानकारी के लिए प्रेस वार्ता में उपस्थित रहें.
दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में पांच साल के अजगर की मौत हो गई.अजगर का पिछले पांच दिनों से उपचार किया जा रहा था. चिड़ियाघर के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.इसके साथ ही चिड़ियाघर के सरीसृप संग्रह में अब सात अजगर बचे हैं.एक अधिकारी ने बताया कि अजगर की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम और प्रयोगशाला जांच के बाद ही पता चलेगा. चिड़ियाघर के निदेशक संजीत सिंह ने कहा, ‘अजगर बीमार था और उसका इलाज किया जा रहा था. मौत के कारण का पता पोस्टमार्टम और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा.' हालांकि, सूत्रों ने दावा किया कि 10 फुट से अधिक लंबे अजगर की मौत कथित तौर पर सरीसृप घर के अंदर सर्दियों की व्यवस्था के कुप्रबंधन के कारण हुई. यह घटना दिल्ली चिड़ियाघर में सियारों के भागने की घटना के कुछ दिन बाद हुई है, जहां कुछ सियार पार्क में अपने बाड़े से बाहर निकलने में कामयाब हो गए थे. उनमें से दो को सुरक्षित रूप से वापस खदेड़ दिया गया, जबकि शेष जानवरों का पता लगाने के लिए खोज दलों, पिंजरों को लगाया गया है और सीसीटीवी की मदद ली जा रही है.
बहुत कम ऐसे देश हैं जहां भैंस ज्यादा पाली जाती हैं. ज्यादातर बड़े देशों में गाय पालन बहुत होता है. यूएसए और चीन भी उसी में शामिल हैं. बावजूद दुनियाभर में गाय के दूध उत्पादन में यूएसए और चीन बहुत पीछे हैं. इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (आईडीएफ) की एक रिपोर्ट से भी इसकी तस्दीक करती है. अब आप सोच रहे होंगे कि जब चीन और यूएसए जैसे देश गाय के दूध उत्पादन में नंबर वन नहीं हैं तो फिर कौन है. आईडीएफ की साल 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत गाय के दूध उत्पादन में नंबर वन है. सिर्फ 27 देश वाले यूरोपिय यूनियन में ही भारत से ज्यादा गाय के दूध का उत्पादन हो रहा है.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के पांच साल पूरे होने पर बुधवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन से पहले, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक ज्ञापन तैयार किया है जिसमें मांग की गई है कि स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करने के लिए तुरंत एक कानून बनाया जाए. आंदोलन के बाद ये कानून निरस्त कर दिए गए थे. किसान संगठन बुधवार को विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य और जिला स्तर पर ज्ञापन प्रस्तुत करने की योजना बना रहे हैं. इसमें किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए ऋण माफी, बिजली विधेयक, 2025 को वापस लेने और चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने समेत अन्य मांग की गई है.
नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) ने आने वाले कोहरे और खराब मौसम के दौरान सुरक्षित ट्रेन ऑपरेशन पक्का करने के लिए बड़ी तैयारी की है. NFR की एक रिलीज में मंगलवार को कहा गया कि रेलवे बोर्ड की गाइडलाइंस के मुताबिक, जोन लोकोमोटिव में 'फॉग सेफ डिवाइस' लगा रहा है ताकि लोको पायलट कम विज़िबिलिटी वाली कंडीशन में सिग्नल और मार्कर पहचानने में मदद कर सकें. कोहरे के दौरान भरोसा और सेफ्टी बढ़ाने के लिए बदले हुए स्टैंडर्ड के हिसाब से ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम को भी अपग्रेड किया जा रहा है. NFR ने डेटोनेटर की सही मौजूदगी पक्का करके, बेहतर विज़िबिलिटी के लिए खास ट्रैक जगहों पर चूने से निशान लगाकर, सिग्नल साइटिंग बोर्ड और लेवल क्रॉसिंग गेट को चमकदार पट्टियों से दोबारा पेंट करके और पीछे के डिब्बों में LED-बेस्ड फ्लैशर टेल लैंप लगाकर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और मज़बूत किया है. कोहरे वाले सेक्शन में रेट्रो-रिफ्लेक्टिव 'STOP' बोर्ड और विज़िबिलिटी बढ़ाने वाले दूसरे तरीकों की जाँच की जा रही है और उन्हें मज़बूत किया जा रहा है ताकि लगातार सेफ्टी की तैयारी पक्की हो सके. ऑपरेशनल कदम भी उठाए जा रहे हैं, जिसमें कम विजिबिलिटी के समय भीड़ कम करने के लिए ट्रेनों की आवाजाही को सही करना शामिल है. लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और गार्ड के लिए ट्रेनिंग और रिफ्रेशर कोर्स ज़ोनल ट्रेनिंग सेंटर और सुपरवाइज़र ट्रेनिंग सेंटर में किए जा रहे हैं, जिसमें कोहरे में ऑपरेशन पर खास ध्यान दिया जा रहा है. मुश्किल मौसम में भी समय पर पहुंचने और सेफ्टी बनाए रखने के लिए क्रू चेंजिंग पॉइंट और लोकोमोटिव लिंक पर कड़ी नजर रखी जा रही है. रिलीज में आगे कहा गया है कि स्टेशन मास्टर को कोहरे की तेजी का अंदाजा लगाने और फॉग सिग्नलमैन को तैनात करने या डेटोनेटर लगाने जैसे जरूरी सेफ्टी एक्शन लेने में मदद के लिए सभी जरूरी स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट (VTO) लगाए या वेरिफाई किए जा रहे हैं.
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