देश के कई राज्यों में जहां मॉनसून एक्टिव है और पहाड़ी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली-NCR में बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, लद्दाख, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत और नॉर्थ ईस्ट में इस बार अच्छी बारिश होगी. मौसम के अलावा आप यहां किसानों को मिलने वाली सरकारी स्कीम के फायदे और अन्य किसानों से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर कड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राज्य में किसान खाद की कमी से परेशान हैं, कई जगह बुजुर्ग किसानों की मौत तक हो गई, लेकिन सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है. साथ ही सवाल उठाया कि सरकार बताए आखिर किसानों को खाद कहां मिल रही है. बिजनौर, पीलीभीत, सीतापुर समेत कई जिलों में गुलदार (तेंदुआ) के हमलों से किसान और बच्चे शिकार बन रहे हैं. इन घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई है, लेकिन वन विभाग और प्रशासन बेबस नजर आ रहा है. अखिलेश ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने स्कूलों के मर्जर का जो फैसला लिया था, वह जमीनी स्तर पर लागू नहीं हुआ. विधानसभा में भी गलत जानकारी दी जा रही है. उनका कहना था कि जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों को पीडीए की पाठशाला में भेजा, अब उन पर ही FIR दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. अखिलेश ने नाव आयोग पर निशाना साधा और आरोप लगाया गया कि चुनावी गड़बड़ियों को लेकर आयोग जिलाधिकारियों के पीछे छिप रहा है और डीएम लोग चीफ इलेक्शन ऑफिसर के पीछे. विपक्षी नेता ने कहा कि 'PDA में D का मतलब दिव्यांग भी है, लेकिन सरकार उनके हक की अनदेखी कर रही है.'
यूपी के शाहजहांपुर में छापेमारी में एक नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है. यहां से नकली खाद, कच्चा माल और ब्रांडेड पैकेजिंग का जखीरा बरामद हुआ है. जिला कृषि अधिकारी विकास किशोर शर्मा ने बताया कि शनिवार शाम रोज़ा थाना क्षेत्र के लोधीपुर के पास एक गोदाम में छापेमारी की गई. अधिकारी ने कहा, 'कार्रवाई के दौरान, हमने बड़ी मात्रा में नकली यूरिया और जिंक जब्त किया. हमें 639 बैग नकली डीएपी खाद, 453 बैग जैविक खाद और पैकेजिंग सामग्री भी मिली.' शर्मा ने कहा कि नकली खाद किसानों की उपज और मिट्टी की उर्वरता के लिए खतरा है.उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और नकली खाद बेचने वाली दुकानों और डीलरों की पहचान के लिए जांच जारी है.
राजस्थान के कोटा सवाई माधोपुर, टोंक और बूंदी में भारी बारिश से स्थिति बद से बदतर हो गई है. SDRF NDRF के साथ राहत बचाव कार्य के लिए सेना को भी उतारा गया है. सवाईमाधोपुर और बूंदी में सबसे ज्यादा परेशानियां हैं.
सवाई माधोपुर में 30 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए हैं और मुख्य शहर से इसका संपर्क कट गया है. बारिश की वजह से राजस्थान को मध्य प्रदेश से जोड़ने वाला राजमार्ग भी डूब गय है. सवाई माधोपुर में भी राहत कार्यो के लिए सेना तैनात कर दी गई है. एक लाख से ज्यादा लोग सवाई माधोपुर में प्रभावित हुए हैं. आस पास के इलाकों में भी स्थिति खराब है. सूरवाल बांध बारिश के चलते ओवरफ्लो हो गया है और इलाके में बाढ़ की स्थिति है. आज भी राजस्थान के इन जिलों में बारिश का येलो अलर्ट है. बारिश के कारण कोटा से जयपुर और दूसरे कई इलाकों को जोड़ने वाले राजमार्ग भी डूब गए हैं.
मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड में भारी बारिश जारी है और मौसम विभाग ने मंगलवार सुबह तक कई जिलों में और बारिश का अलर्ट जारी किया है. उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह 8:30 बजे तक जिन जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है, वे हैं पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, बोकारो, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद और गिरिडीह. रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी बाबूराज पीपी ने कहा, 'सोमवार सुबह 8:30 बजे तक 15 जिलों के लिए और मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक 12 जिलों के लिए भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है.'
राजस्थान के कोटा में लगातार हो रही बारिश से क्षेत्र में जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. खेतों में जलभराव से फसलों को नुकसान हुआ है और कई लोगों के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. बारिश के कारण हालात बिगड़े गए हैं और आ नागरिकों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है.बारिश के चलते एक पूरा गांव डुूब गया है. नीमोदा हरीजी गांव में लोगों के घर ढह गए, पशु बह गए, बिजली गुल हो गई, लोगों को सेना ने रेस्क्यू कर बचाया, घर में रखा अनाज भीग गया, कई ग्रामीणों के मकान ढह गए. गांववालों को सिर छिपाने के लिए जगह भी नहीं मिल पा रही है. पानी का बहाव घरों के अंदर तक से सब कुछ बहा कर ले गया और खाने को भी कुछ नहीं बचा. अभी भी बचाव कार्यों के लिए सेना ने मोर्चा संभाल रखा है.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के चार टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले 5,500 करोड़ रुपये के चार लेन वाले गलियारे और भोपाल और जबलपुर के बीच 15,000 करोड़ रुपये के ग्रीनफील्ड हाइवे का ऐलान किया है.जबलपुर के सांसद आशीष दुबे, राज्य के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और राज्य के बाकी सांसदों ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले गलियारे की मांग की थी, उन्होंने यहाँ 7 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर का उद्घाटन करने के बाद कहा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'टाइगर कॉरिडोर की लागत 4,600 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 5,500 करोड़ रुपये हो गई है. यह कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना और पेंच अभ्यारण्यों को जोड़ेगा.' उन्होंने आगे कहा कि इससे पर्यटन, रोज़गार और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. साल 2022 की जनगणना के अनुसार, मध्य प्रदेश में 785 बाघ हैं, जो भारत में सबसे ज्यादा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भोपाल और जबलपुर के बीच 15,000 करोड़ रुपये की लागत से 255 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड राजमार्ग बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) दिसंबर तक तैयार हो जाएगी.उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री राकेश सिंह से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सुचारू रूप से सुनिश्चित करने को कहा ताकि अगले अप्रैल या मई तक निर्माण कार्य शुरू हो सके.
ओडिशा में शनिवार को हुई भारी बारिश के बीच, आईएमडी ने अगले कुछ दिनों में और बारिश का अनुमान जताया है क्योंकि 25 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. सुंदरगढ़, क्योंझर, झारसुगुड़ा और बरगढ़ सहित कई जिलों में भारी बारिश हुई है, जिससे बैतरणी जैसी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है.अधिकारियों ने बताया कि महानदी नदी का जलस्तर भी बढ़ने की संभावना है क्योंकि इसके ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई है. हीराकुंड बांध के अधिकारियों ने शनिवार को जलाशय में जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए आठ जलद्वार खोल दिए.. एक अधिकारी ने बताया कि हीराकुंड जलाशय का जलस्तर 621 फीट था, जबकि जलाशय का पूर्ण जलस्तर 630 फीट था.सुंदरगढ़ और क्योंझर जिलों में भारी बारिश के कारण, बैतरणी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया और अखुआपाड़ा के पास 18.33 मीटर के खतरे के निशान को छू गया, जिससे भद्रक जिले में बाढ़ की आशंका बढ़ गई. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राजघाट में स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर वर्तमान में 7.13 मीटर है और 24 अगस्त को सुबह 9 बजे तक इसके 9.45 मीटर के चेतावनी स्तर को पार करने की संभावना है.
राजस्थान के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और बारिश से जुड़ी घटनाओं में दो महिलाओं की मौत हो गई. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इसके बाद सैकड़ों लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया. निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे पूर्वी राजस्थान, जहां सबसे ज्यादा बारिश हुई है, में सड़क और रेल संपर्क बाधित हो गया है और जलभराव के कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया है. उन्होंने बताया कि कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और टोंक में बाढ़ जैसी स्थिति है. शुक्रवार को कोटा में सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा राहत अभियान चलाया गया, जबकि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने अन्य बारिश प्रभावित इलाकों से लोगों को निकाला. आपदा राहत मंत्री किरोड़ी मीणा और गृह मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने कोटा संभाग के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और सवाई माधोपुर में स्थानीय लोगों से बातचीत की. मंत्रियों ने अधिकारियों को सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य सुनिश्चित करने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए.
महाराष्ट्र में पोला उत्सव परंपरा के अनुसार बैलों को सजाकर, ढोल-ताशों के बीच शानदार शोभायात्रा निकाली जाती है. गांव में सैकड़ों ग्रामीण, महिलाएं और बच्चे इस शोभायात्रा में शामिल होते है. छत्रपति संभाजीनगर जिले के कन्नड तालुका के हातनूर गांव में पोला उत्सव के दौरान अचानक कैलास कोतकर नामक किसान का बैल बेकाबू हो गया और भीड़ में घुस गया. बैल के उधड़ते ही पूरा माहौल अफरा-तफरी का हो गया। लोग चारों तरफ भागने लगे, महिलाओं और बच्चों ने चीख-पुकार मचाई. लेकिन इससे पहले ही बैल ने कई लोगों को टक्कर मार कर गिरा दिया और रौंद कर इधर-उधर भागने लगा. इस घटना में करीब 15 लोग घायल हो गए. घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. सभी घायलों को तुरंत कन्नड के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को छत्रपति संभाजीनगर के अस्पताल में रेफर किया गया. हादसे में बैल भी नीचे गिर गया और वह भी घायल हो गया. इस घटना के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है.पुलिस और प्रशासन ने तुरंत मौके पर पहुँचकर हालात को काबू में किया. गनीमत रही कि किसी की मौत नहीं हुई.
तमिलनाडु सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि इस वर्ष राज्य के किसानों को 17,000 करोड़ रुपये का फसल ऋण दिया जाएगा. इसके अलावा, पशुधन विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये के ऋण प्रदान किए जाएंगे. पिछले साल सरकार ने 17.37 लाख किसानों को 15,062 करोड़ रुपये का फसल ऋण और 4.43 लाख लाभार्थियों को 2,645 करोड़ रुपये का पशुधन विकास ऋण वितरित किया था. एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के प्रयासों से, अब किसानों द्वारा ऑनलाइन आवेदन जमा करने के दिन ही फसल ऋण स्वीकृत हो जाते हैं. इसमें कहा गया है, 'यह अनुकरणीय तत्काल फसल ऋण योजना प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) के माध्यम से किसानों को उसी दिन ऋण प्रदान करती है जिस दिन वे ऑनलाइन आवेदन करते हैं.'
आईएमडी ने 28 अगस्त तक दक्षिण-पूर्व राजस्थान में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है. राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति है. यहां पर पुलिस उपाधीक्षक (ग्रामीण) पिंटू कुमार ने इंदौर निवासी 20 वर्षीय मोंटी तंवर नामक युवक कुशालीदर्रा में राष्ट्रीय राजमार्ग 552 पर पानी के तेज बहाव में डूब गया. वहीं शनिवार को बारिश के चलते आमेर फोर्ट की 200 फीट ऊंंची दिवार भी गिर गई है.
हिमाचल प्रदेश के में स्थानीय मौसम विभाग ने रविवार से मंगलवार तक कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. शनिवार को राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई, वहीं नादौन में शुक्रवार शाम से 24 घंटों में 58.6 मिमी बारिश हुई, इसके बाद नेरी में 47.5 मिमी, जोगिंदरनगर में 45 मिमी और जट्टन बैराज में 44.2 मिमी बारिश हुई. नगरोटा सूरियां में 39.2 मिमी, मंडी में 37 मिमी, कांगड़ा में 36.3 मिमी, धौलाकुआं में 35.5 मिमी, नैना देवी में 34.8 मिमी, पांवटा साहिब में 33 मिमी, घाघस में 26 मिमी और भटियात में 22.2 मिमी वर्षा हुई.राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मॉनसून आने के बाद से कम से कम 152 लोगों की मौत हो चुकी है और 37 लोग लापता हैं.
अधिकारियों ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में अगले चार दिनों के दौरान भारी बारिश और बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की संभावना के मौसम पूर्वानुमान के बीच चेतावनी जारी की है. जम्मू, रामबन और किश्तवाड़ के उपायुक्तों ने एहतियात के तौर पर अलग-अलग चेतावनी जारी की हैं, जिसमें लोगों से नालों, नदी के किनारों, फ्लड प्रोन जोन या जलभराव वाले इलाकों के पास जाने से बचने, आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखने और आधिकारिक मौसम संबंधी सलाह से अपडेट रहने को कहा गया है. लोगों से सतर्क रहने और हर समय व्यक्तिगत और सामुदायिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने, अनावश्यक यात्रा से बचने, खासकर निचले इलाकों और बाढ़ के लिए संवेदनशील इलाकों में जाने से बचने को कहा गया है.
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