Agriculture Live Blogउत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ मौसम पूरी तरह बदल चुका है और ठंड का असर साफ नजर आने लगा है. पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बढ़ती शीतलहर के बीच जनजीवन और खेती-किसानी की गतिविधियों पर असर पड़ रहा है. वहीं दक्षिण भारत में लगातार बारिश का दौर बना हुआ है. इस लाइव और लगातार अपडेट होते सेक्शन में आपको खाद-बीज से जुड़ी जानकारी, खेती और गार्डनिंग के उपयोगी टिप्स, किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाएं और कृषि जगत से जुड़े बड़े राष्ट्रीय घटनाक्रम एक ही जगह मिलते रहेंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर वीबी-जी राम जी पर विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि संसद द्वारा पारित किसी कानून के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाना संघीय ढांचे की मूल भावना के खिलाफ है. संविधान ने संसद को कानून बनाने का अधिकार दिया है और उसे मानना केंद्र व राज्य, दोनों की जिम्मेदारी है. केवल विरोध के लिए विरोध करना न तो लोकतांत्रिक है और न ही संवैधानिक है. उन्होंने कहा कि इतने महत्वपूर्ण बिल पर संसद में चर्चा हो रही हो और नेता प्रतिपक्ष लोकसभा से गायब रहें, जवाब सुनने की बजाय हंगामा करें यह गैर-जिम्मेदाराना आचरण है. बाहर जाकर यह भ्रम फैलाना कि वर्षों की योजना एक रात में खत्म कर दी गई. उन्होंने कहा कि सरासर गलत है क्योंकि रोजगार योजनाएँ पहले भी बदली गई हैं.
बिहार में बड़े प्रशासनिक बदलाव हुए हैं. यहां पर सचिवों के पदों में हुआ बड़ा फेरबदल हुआ है. कृषि विभाग, गन्ना विभाग सहित डेयरी एवं मत्स्य पशु संसाधन विभाग के प्रधान सचिव का तबादला कर दिया गया है.
अमेरिका के टैरिफ से कृषि निर्यात में बाधा पैदा होने के बावजूद भारत के कृषि क्षेत्र ने 2025 का समापन पिछले वर्ष के 35.773 करोड़ टन (एमटी) से अधिक रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन के अनुमान के साथ किया जबकि जीएसटी सुधारों ने कच्चे माल की लागत में राहत प्रदान की. अब किसानों और ट्रेडर्स को नए साल में महत्वपूर्ण बीज और कीटनाशक विधेयकों के पास होने का इंतजार है. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा, हमें उम्मीद है कि हम इस वर्ष 2025-26 (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हासिल करेंगे. खरीफ की पैदावार सकारात्मक बनी हुई है और रबी की बुवाई अच्छी तरह से जारी है.
राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल महासंघ (एनएफसीएसएफ) के चेयरमैन हर्षवर्धन पाटिल ने चीनी को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताए जाने की बढ़ती धारणा पर चिंता जताते हुए सोमवार को कहा कि अगर यह सोच व्यापक रूप से मजबूत होती है तो इससे चीनी उद्योग को गंभीर नुकसान हो सकता है. पाटिल ने कहा कि उद्योग की करीब 90 प्रतिशत आय चीनी बिक्री से आती है और ऐसे में मांग पर असर पूरे क्षेत्र के लिए चुनौती बन सकता है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य, किसानों को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से ‘स्मार्ट’ खेती अपनाने और कृषि निर्यात में अग्रणी बनने में सक्षम बनाना है. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि इसी दृष्टिकोण के तहत अगले साल राज्य में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक सम्मेलन-2026 (जीआरएएम) का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को इसके सफल आयोजन के लिए सभी तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया.
शर्मा ने कहा कि इसी दृष्टिकोण के तहत अगले साल राज्य में वैश्विक राजस्थान एग्रीटेक सम्मेलन-2026 (जीआरएएम) का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को इसके सफल आयोजन के लिए सभी तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया।
नए साल का जश्न मनाने के लिए कई लोग पहाड़ों पर बर्फबारी का आनंद लेना पसंद करते हैं. इस बार भी देश-विदेश से हजारों पर्यटक जम्मू-कश्मीर जैसे इलाकों में बर्फ का आनंद लेने पहुंच रहे हैं. यहां बर्फबारी के नजारे लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर हिमाचल में इस बार यात्रियों को लुभाने के लिए कृत्रिम बर्फ का सहारा लेना पड़ा है. साल 2025 में हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी काफी कम देखने को मिली है. यहां के ज्यादातर इलाकों में मौसम सूखा ही रहा है. आने वाले साल 2026 में भी यहां भारी बर्फबारी की उम्मीद कम ही नजर आ रही है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, उत्तराखंड में नए साल पर भी बर्फबारी की संभावना कम है. हिमाचल प्रदेश में भी अब तक खास बर्फबारी देखने को नहीं मिली है. हाल ही में क्रिसमस के मौके पर हिमाचल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रशासन और होटल संचालकों को मनाली और शिमला के कुछ हिस्सों में कृत्रिम बर्फ का सहारा लेना पड़ा है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्मॉग की परत छाई हुई है. सराय काले खां से लेकर आश्रम और एम्स तक यही हाल है. CPCB के अनुसार, इन इलाकों के आसपास AQI 'गंभीर' श्रेणी में है. मौसम विभाग ने फिलहाल कोहरे से निजात न मिलने की बात कही है और माना जा रहा है कि ऐसे में स्मॉग की स्थिति फिलहाल इसी तरह से रहने वाली है.
लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के पास करीब 170 भेड़ों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई. पुलिस ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए नमूनों को जांच के लिए भेजा है और अधिकारी इस बात का आकलन कर रहे हैं कि कहीं बीमारी, जहर या लापरवाही तो इसमें शामिल नहीं है. इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भेड़ों की मौत का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. मडियाओं पुलिस स्टेशन में जमा किए गए एक आवेदन में, आसरा द हेल्पिंग हैंड्स ट्रस्ट (एनजीओ) की संस्थापक चारू खरे ने कहा कि यहां एक कार्यक्रम आयोजित होने के कुछ दिनों बाद राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के आसपास के क्षेत्र में करीब 170 भेड़ों की अचानक मौत हो गई. खरे ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पहली नजर में यह साफ नहीं है कि इन भेड़ों की मौत अपशिष्ट पदार्थ खाने से हुई या किसी ने उन्हें जहर दिया था. उन्होंने गहन जांच की मांग करते हुए कहा कि भेड़ों की रहस्यमय मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मृत भेड़ों का पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए. खरे ने कहा, 'अगर किसी भी तरह की लापरवाही पाई जाती है या जहर दिए जाने की पुष्टि होती है तो आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. हमारा संगठन जांच में हर संभव मदद करेगा.' उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना 'बेहद गंभीर' और 'संवेदनशील' है. पशुओं के प्रति क्रूरता और लापरवाही की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. मडियाओं के एसएचओ शिवानंद मिश्रा ने बताया कि शव के नमूने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं. यूपी सरकार ने एक बयान में कहा कि भेड़ की मौत का संज्ञान लेते हुए सीएम आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं. बयान में यह भी कहा गया है कि प्रति भेड़ 10,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है.
मंगलवार सुबह देश की राजधानी दिल्ली में कोहरे की घनी चादर छाई रही जिससे विजिबिलिटी बहुत कम हो गई और सड़क पर ट्रैफिक भी रुक गया.सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 390 था, जो इसे 'बहुत खराब' रेंज में रखता है.वहीं मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक मंगलवार और बुधवार तक मध्यम से घना कोहरा रहने की उम्मीद है. आईएमडी ने अपने बुलेटिन में कहा है कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 दिसंबर तक और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी तक रात और सुबह के समय बहुत घना कोहरा बना रह सकता है जिसके बाद यह धीरे-धीरे कम हो जाएगा. मौसम एक्सपर्ट्स ने लंबे समय तक कोहरे के लिए शांत हवाओं, ज्यादा नमी और साफ आसमान को वजह बताया. वहीं निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार अभी कई दिनों तक कोरा इसी तरह के रहने के आसार हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today