उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ मौसम पूरी तरह बदल चुका है और किसानों के लिए बुआई का व्यस्त सीजन शुरू हो गया है. पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बढ़ती शीतलहर के बीच रबी फसलों की बुवाई तेजी पकड़ रही है. वहीं दक्षिण भारत में लगातार बारिश का दौर जारी है. इस लाइव और लगातार अपडेट होते सेक्शन में आपको खाद-बीज, खेती और गार्डनिंग के उपयोगी टिप्स, किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाओं की जानकारी और कृषि जगत से जुड़े बड़े राष्ट्रीय घटनाक्रम एक ही जगह मिलते रहेंगे.
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा कि सही जमीन के रिकॉर्ड सुनिश्चित करने और फसल के मुआवजे, बीमा और सब्सिडी से जुड़ी योजनाओं में गड़बड़ियों को खत्म करने के लिए दिल्ली में खेती की जमीन और किसानों का एक डिजिटल डेटाबेस बनाया जाएगा. गुप्ता ने खेती के रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि किसानों की एक डिजिटल पहचान होगी और खेती की जमीन का जियो-मैप्ड रिकॉर्ड रखा जाएगा.यह डेटाबेस केंद्र सरकार की राज्यों को पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता (SASCI) योजना के तहत बनाया जाएगा, जिसमें तय लक्ष्य हासिल होने पर केंद्र सरकार द्वारा फंड जारी किया जाएगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र की वित्तीय सहायता एक बार का सब्सिडी नहीं होगी, बल्कि इसे परफॉर्मेंस से जुड़े चरणों में दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में घना कोहरा छाया हुआ है, ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. कुछ राहगीरों ने बताया कि उन्हें सावधानी से गाड़ी चलानी पड़ रही है ताकि कोई एक्सीडेंट न हो जाए. इस कोहरे का असर ट्रेनों पर भी पड़ा है और कुछ ट्रेनें देरी से चल रही हैं.
चीफ जस्टिस (सीजेआई) सूर्यकांत ने खराब मौसम की स्थिति के मद्देनजर वकीलों और वादियों को उच्चतम न्यायालय में सूचीबद्ध मामलों के लिए ‘हाइब्रिड मोड’ के माध्यम से पेश होने की सलाह दी है. उच्चतम न्यायालय प्रशासन द्वारा रविवार को जारी एक परिपत्र में यह जानकारी दी गई. यह सलाह ऐसे समय में आई है जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 461 तक पहुंच गया, जो इस सर्दी का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने खतरनाक हवा से गंभीर स्वास्थ्य खतरों की चेतावनी दी है. इससे पहले 26 नवंबर को अत्यधिक प्रदूषण के कारण सीजेआई ने अस्वस्थ महसूस करने की बात कहते हुए ‘वर्चुअल’ सुनवाई पर विचार किया था. वर्तमान में शीर्ष अदालत प्रत्यक्ष और ‘वर्चुअल’ दोनों तरीकों से ‘हाइब्रिड मोड’ में कार्य कर रही है.
बहराइच जिले के कैसरगंज इलाके में वन विभाग के ‘शूटर’ ने आतंक का पर्याय बनी एक मादा भेड़िया को रविवार शाम मार गिराया, जबकि एक दिन पूर्व नर भेड़िए को मारा गया था. अधिकारियों ने बताया कि कैसरगंज तहसील के गोड़हिया नंबर चार गांव में भेड़िए के एक जोड़े को वन विभाग के शूटर ने दो दिन के भीतर एक-एक कर मार गिराया है. उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद करीब ढाई महीने के दरमियान वन विभाग के शूटरों द्वारा यहां छह भेड़िए मारे जा चुके हैं. प्रभागीय वनाधिकारी राम सिंह यादव ने रविवार को बताया, 'आज शाम कैसरगंज तहसील के गांव- गोड़हिया नंबर चार के मजरा- जरूआ में फिर भेड़िया आने की सूचना मिली थी. वन विभाग की बचाव टीम ड्रोन के साथ गांव में पहुंची. दो ड्रोन कैमरे लगाकर लगातार नजर रखी गयी. नदी की तरफ कछार में दूसरा ड्रोन आगे की तरफ से लगाया गया जिसमें भेड़िया दिखाई दिया. भेड़िया बड़े घास के झुरमुट में भाग रहा था. बचाव टीम ने गोली चलाई जिससे भेड़िए की मृत्यु हो गई.
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