देश के कई राज्यों में इस वक्त ठंड और कोहरे का प्रभाव देखा जा रहा है. ऐसे में सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. बढ़ते ठंड और सूखे के तनाव से फसलों और सब्जियों को बचाने के लिए किसानों को उचित उपाय करना चाहिए ताकि वे इससे होने वाले संभावित नुकसान से फसलों को बचा सकें. राजस्थान की बात करें तो यहां इस वक्त गंभीर शीतलहर की स्थिति देखी जा रही है. ऐसे में यहां के किसान अपने फसलों को ठंड के प्रभाव से बचाने के लिए शाम के वक्त हल्की सिंचाई करें और खेत में नमी बनाए रखें. किसान खेत में फव्वारा सिंचाई भी कर सकते हैं. इसके साथ ही नए पौधों को सर्द हवाओं से बचाने के लिए नर्सरी में उन्हें पुआल या पॉलीथीन से ढंककर रखें.
जिन किसानों ने सरसों की खेती की है वो किसान सरसों में सल्फ्यूरिक एसिड के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें. सल्फ्यूरिक एसिड को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर फसल में छिड़काव करें. इसके साथ ही सूरजमुखी की बुवाई करने का यह समय है. पंजाब में प्याज और टमाटर की खेती करने वाले किसान इस वक्त इन दोनों सब्जियों की रोपाई कर सकते हैं. यह इसके लिए सही समय है. वहीं उत्तराखंड में जिन किसानों की गोभी तैयार हो चुकी है, उसकी कटाई करने के बाद रबी प्याज की रोपाई करें. हिमाचल प्रदेश में आलू की बुवाई और प्याज की रोपाई करें.
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तेलंगाना में किसान तिल, सूरजमुखी, मक्का, मूंग, उड़द, तरबूज और खरबूज की बुवाई शुरु कर दें. इसके चने की खेती करने वाले किसान परिपक्व लाल चने की कटाई करें. चावल की नर्सरी बुवाई और मक्का, दालें और रागी की बुवाई करने का यह सही समय है. असम में इस वक्त बोरो चावल की रोपाई करें. यह उसके लिए सही समय माना जाता है जबकि तमिलनाडु में इस वक्त किसान काली मिर्च और हल्दी की कटाई कर सकते हैं. केरल में इस वक्त चावल की कटाई करने का समय आ गया है. सूखा मौसम देखकर किसान धान की कटाई कर सकते हैं.
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इधर कर्नाटक में भी किसान पके हुए धान की फसल, रागी, मिर्च और अरहर की कटाई कर सकते हैं. साथ ही मूंगफली और तरबूज की बुवाई करने का यह सही समय है. आंतरिक महाराष्ट्र के किसान कपास की कटाई और परिपक्व लाल चने की कटाई कर सकते हैं. मध्य प्रदेश में, गेहूं में जड़ एफिड और तना छेदक कीट को नियंत्रित करने के लिए थियामेथोक्साम 12.6% और लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC का 200 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. सरसों में अल्टरनेरिया ब्लाइट के हमले के खिलाफ उपचारात्मक उपाय के रूप में बारी-बारी से पानी दें.
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