खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ये कहते हैं कि स्टार्टअप के लिए भारत सबसे उर्वरक भूमि है. इसकी बानगी कृषि क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे स्टार्टअप्स भी हैं. ऐसा ही एक एग्री-स्टार्टअप है Arya.ag जो सीधे किसानों और बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों के बीच एक कड़ी की तरह काम करता है और खेती से जुड़े कई तरह के समाधान प्रदान करता है. इसका मकसद है कि किसानों, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और छोटे कृषि उद्यमों को फसल-उपरांत नकदी उपलब्ध कराना, ताकि कर्ज देने की व्यवस्था बढ़े और व्यापार को भी बढ़ावा मिले.
Arya.ag की साल 2013 में शुरूआत हुई थी और ये एक तरह का अनाज कॉमर्स मंच है जो फसलों से संबंधित वाणिज्य की पूरी चेन में आने वाली समस्याओं के समाधान प्रदान करता है. यह किसानों, 1,300 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और छोटे एग्रीगेटर्स सहित कृषि उत्पाद विक्रेताओं को 2,000 एसएमई फूड प्रॉसेसर्स, व्यापारियों और आईटीसी, ब्रिटानिया और अडानी जैसे 100 कॉरपोरेट्स से जोड़ता है. इसके सात ही फार्मगेट भंडारण, गोदाम खोज, वित्त और बाजार संपर्क को भी Arya.ag सक्षम बनाता है.
लाइटरॉक, ओमनिवोर, ब्लू अर्थ कैपिटल, क्वोना कैपिटल और एशिया इम्पैक्ट जैसे निवेशकों द्वारा समर्थित, ये स्टार्टअप किसानों, एफपीओ और छोटे कृषि उद्यमों को फसल के बाद नकदी प्रदान करने और अधिक व्यापार को सुविधाजनक बनाने का काम कर रहा है. यह स्टार्टअप 21 राज्यों के 425 जिलों में काम करता है. इसके प्लेटफॉर्म पर 12,100 से ज़्यादा गोदाम लिस्टेड हैं. वर्तमान में Arya.ag मध्य प्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों में लॉजिस्टिक्स मॉडल का परीक्षण कर रहा है और इस वित्त वर्ष के अंत तक सर्विस भी शुरू करने की योजना है.
बता दें कि Arya.ag स्टार्टअप ने वित्त वर्ष-26 तक 100 करोड़ का मुनाफा और ₹630-640 करोड़ परिचालन राजस्व का लक्ष्य रखा है. Arya.ag की यह ग्रोथ स्टोरेज और फाइनेंस सॉल्यूशंस और ट्रेडिंग सेवाओं जैसे अपने मौजूदा सेगमेंट में अपनी स्थिति को मजबूत करने और लॉजिस्टिक्स जैसे सेवा के रूप में नए वर्टिकल की शुरूआत से प्रेरित होगी. इस वित्त वर्ष में यह स्टार्टअप लगभग 40 करोड़ का मुनाफा और ₹450 करोड़ का राजस्व कमाएगा. वित्त वर्ष-24 में इस स्टार्टअप का परिचालन राजस्व 18% बढ़कर ₹340 करोड़ हो गया और लाभ 2.5 गुना बढ़कर 19 करोड़ हो गया है.
इस स्टार्टअप को लगता है कि उसका वेयरहाउसिंग व्यवसाय 'आर्य कोलैटरल' आत्मनिर्भर है, लेकिन उसका एग्रीफिनटेक प्लेटफॉर्म 'आर्यटेक' और 'आर्यधन' (एनबीएफसी) पूंजी की खपत करने वाले व्यवसाय हैं. सह-संस्थापक और कार्यकारी निदेशक आनंद चंद्रा ने कहा इसपर, "इनके लिए पूंजी की आवश्यकता होगी. हम सबसे पहले जून में जुटाई गई इक्विटी का लाभ उठाने पर फोकस करेंगे, अपने ऋण-इक्विटी अनुपात को पर्याप्त रूप से हासिल करेंगे और फिर आगे बढ़ने के लिए फंडिंग राउंड के लिए जाएंगे."
एग्रीटेक स्टार्टअप Arya.ag, जिसने पिछले महीने 30 मिलियन डॉलर (26.28 करोड़ रुरये) का ऋण वित्तपोषण हासिल किया है. साथ ही इसका लक्ष्य वित्त वर्ष-27 तक आईपीओ लाने का भी है. Arya.ag ने अब तक इक्विटी में 84 मिलियन डॉलर (73.58 करोड़ रुपये) और ऋण में 102.05 मिलियन डॉलर (करीब 8,933,985,690 रुपये) का कुल वित्तपोषण जुटाया है. इस फर्म की योजना 2025 के अंत तक अगले दौर का वित्तपोषण करने की है.
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