राजस्थान के जोधपुर जिले से एक बड़ा रोचक मामला सामने आया है, जहां पीपल के पेड़ की धूमधाम से शादी करवाई गई है. दरअसल, जोधपुर के केतु गांव में एक पीपल के पेड़ की शादी हुई है. इस शादी में लोगों ने खूब एंजॉय किया है. कुलरिया परिवार ने पीपल की शादी गांव के ही ठाकुर जी से संपन्न करवाई है. इसके पीछे कारण और कहानी कुछ अलग ही है. खास बात यह है कि समारोह में शामिल होने के लिए हैदराबाद से भी रिश्तेदार पहुंचे हैं.
दरअसल, जोधपुर के सरस्वती नगर में एक परिवार 2017 से रह रहा है, लेकिन उनके गांवों में गमले के अंदर पीपल और पिपली उग आए थे कुछ समय पौधे बड़े हुए तो परिवार वाले परेशान हो गए क्योंकि घर में पीपल का पेड़ होना अच्छा नहीं माना जाता इसे हटा भी नहीं सकते थे.
इसी को लेकर उनके मन में विचार आया कि क्यों नहीं पीपल की शादी कर दी जाए और इसी को लेकर पूरा परिवार एकत्र हो गया. परिवार के सदस्यों ने पीपल की शादी करवाई और तकरीबन 500 से अधिक लोग इस शादी में शामिल हुए. कुलरिया परिवार को इस शादी का आइडिया गांव वालों ने ही दिया था. जिसके बाद पीपल की शादी बेटी की तरह करने का निर्णय लिया. अब शनिवार को पिपली को विदाई दी जाएगी.
इसे भी पढ़ें- Wrestlers Protest: पहलवानों के समर्थन में आई किसान यूनियन, 7 मई को महिलाएं पहुंचेंगी जंतर-मंतर
इस शादी के लिए पंडित से कुंडली भी मिलवाई गई और गांव से 3 किलोमीटर दूर बने मंदिर में ठाकुर जी से शादी हुई. गांव के पंडित का कहना है कि कुंडली मिलान कर शादी के लिए हमने बुद्ध पूर्णिमा का दिन तय किया कि शादी में लालाराम व उसकी पत्नी ने कन्यादान की रस्में निभाई. वहीं शनिवार को तकरीबन 500 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई है. बकायदा शादी के लिए शादी के कार्ड भी छपवाए गए और अपने रिश्तेदारों को भी निमंत्रण दिया गया.
इसे भी पढ़ें- Weather Update: देश के इन दस राज्यों में बारिश होने की आशंका, जानें मौसम का पूरा हाल
शादी को लेकर महिलाओं ने मंगल गीत गाए और पीपल के पेड़ पर हल्दी लगाकर हल्दी की रस्म अदा की गई. वही घर के पास ही शादी का मंडप तैयार किया गया है. जहां पर ठाकुर जी के फेरे करवाए जाएंगे और शादी में आने वाले लोगों के लिए बारात स्वागत के दौरान लापसी दाल सब्जी और पूड़ी परोसी जाएगी. वही शनिवार सुबह के लिए हलवा चक्की पूरी गट्टे की सब्जी परोसी जाएगी. शुक्रवार शाम बारातियों के लिए खाना रखा गया था. वहीं शनिवार सुबह पूरे गांव के लोगों को निमंत्रण दिया गया है. कुलरिया परिवार के लोगों ने बताया कि हमारे धर्म में पेड़ पौधों को विशेष महत्व दिया गया है. लालाराम गुलरिया के तीन बेटे हैं. (रिपोर्ट: अशोक शर्मा)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today