उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बुधवार यानी 22 फरवरी को विधानसभा में अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट (UP Budget 2023) पेश करेगी, यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (UP Finance Minister Suresh Khanna) अपना 7वां बजट पेश करेंगे, यूपी बजट 2023 में किसानों को क्या मिल सकता है, यूपी कृषि बजट 2023 (UP Agriculture Budget 2023), केंद्रीय कृषि बजट 2023 (Agriculture Budget 2023), इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYM2023, International Year of Millets 2023), किसानों का प्रदर्शन (Farmer Protest), किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), पीएम किसान योजना (PM-Kisan Yojana) में आज क्या है नई बात, एपीडा (APEDA) द्वारा फसलों का आयात-निर्यात, गेहूं और आटे का भाव, फसल सलाह, कृषि जगत की बड़ी खबरें (Agriculture Live News Update), आज का मौसम पूर्वानुमान (Latest Weather Update)और खेती-किसानी से (Agriculture News) से जुड़ी खास खबरों के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
यूपी के बजट पर योगी ने कहा कि 2017 से ही सरकार ने फसल खरीद में मध्यस्थों को हटाकर सीधे किसान से उपज खरीदना प्रारंभ किया. प्रदेश में बंद हो रही चीनी मिलों को चलाया गया. यूपी की विकास दर 3 फीसदी बढ़ी है. इसे दो डिजिट में ले जाने का लक्ष्य है. छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. निराश्रित गोवंश के लिए सेल्टर होम खोलने के लिए 120 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की गई है. इसके अलावा एग्रो स्टार्ट अप शुरू करने, सहारनपुर में शहद के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का बजट में प्रावधान किया गया है. इसके अलावा डेयरी, मत्स्य संपदा एवं किसानों को कम ब्याज पर फसली ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था बजट में की गई है. कृषक दुर्घटना बीमा योजना में किसान के परिजनों एवं खेतिहर मजदूरों को भी इस योजना में शामिल कर 750 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है. बुंदेलखंड वॉटर प्रोजेक्ट इजराइल के साथ मिल कर शुरू करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है.
योगी ने कहा कि किसानोंं को राहत देते हुए पिछले बजट में निजी नलकूप के लिए बिजली के बिल पर 50 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की गई थी. अब हमारी सरकार इस बजट के माध्यम से इस छूट का दायरा अब 100 फीसदी तक करने जा रही हैं.
यूपी के बजट पर योगी ने कहा कि 2017 से ही सरकार ने फसल खरीद में मध्यस्थों को हटाकर सीधे किसान से उपज खरीदना प्रारंभ किया. प्रदेश में बंद हो रही चीनी मिलों को चलाया गया. यूपी की विकास दर 3 फीसदी बढ़ी है. इसे दो डिजिट में ले जाने का लक्ष्य है. छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. निराश्रित गोवंश के लिए सेल्टर होम खोलने के लिए 120 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की गई है. इसके अलावा एग्रो स्टार्ट अप शुरू करने, सहारनपुर में शहद के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का बजट में प्रावधान किया गया है. डेयरी, मत्स्य संपदा एवं किसानों को कम ब्याज पर फसली ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था बजट में की गई है. कृषक दुर्घटना बीमा योजना में किसान के परिजनों एवं खेतिहर मजदूरों को भी इस योजना में शामिल कर 750 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है. बुंदेलखंड वॉटर प्रोजेक्ट इजराइल के साथ मिल कर शुरू करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है.
खरीफ फसलों का एमएसपी तय करने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की बैठक. वहीं खरीफ फसलों में धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि आती हैं. खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं.
यूपी का बजट विधानसभा में पेश किए जाने के बाद सदन की बैठक दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित
सहारनपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फाॅर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित- यूपी बजट 2023
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को अपना बजट पेश कर दिया. इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं. बजट पेश करते हुए प्रदेश के वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए कृषि शिक्षा, शोध और अनुसंधान के साथ-साथ प्रसार कार्यक्रमों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है. सरकार के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था है. बजट के मुताबिक, महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, बांदा और मेरठ में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों के लिए लगभग 35 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
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- पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत भारत सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में लाभान्वित लाभार्थियों को ब्याज उपादान की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना हेतु 10 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्र्रस्तावित है ।
- खादी एवं ग्रोमोद्योग विकास एवं सत्त स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 13 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिससे हाथ कागज केन्द्र कालपी-जालौन के पुनरूद्धार, दोना पत्तली मशीन का वितरण, सोलर चर्खा का वितरण कार्य किये जायेंगे ।
- प्रदेश में माटी कला के पराम्परागत कारीगारेां को रोजगार से जोड़ने के लिये वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिससे माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम व जनपद लखनऊ में माटी कला टेराकोटा प्रशिक्षण एवं फैसलिटी सेन्टर की स्थापना कराया जाना प्रस्तावित है।
- हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग कृषि क्षेत्र के बाद हथकरघा उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीकृत कुटीर उद्योग है । प्रदेश में लगभग 1.91 लाख (एक लाख इक्यानबे हजार) हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हथकरघे हैं।
- प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविको-पार्जन कर रहे हैं।
वस्त्र क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने एवं प्रदेश में अधिकाधिक रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से उ0प्र0 टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पालिसी-2022 प्रख्यापित की गयी है जिसमें वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों एवं नया स्वरोजगार प्रारम्भ करने वाले युवाओं को अनेक वित्तीय सुविधायें अनुमन्य की गयी हैं जिसके लिये 150 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- गारमेन्टिंग नीति, 2017 के अन्तर्गत 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही है। इस हेतु 345 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री पाॅवर लूम उद्योग विकास योजना हेतु 20 करोड़ रूपये तथा मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पाॅवर लूम विकास योजना हेतु लगभग 18 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण हेतु 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- जिला सहकारी बैंकों के वित्तीय सुदृढ़ीकरण हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- वर्ष 2021-2022 में 7,556.91 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया गया है, जिससे 18.76 लाख कृषकों को लाभान्वित हुये।
- वर्ष 2022-2023 में दिनांक 30-11-2022 तक 6936.76 करोड़ रूपये का ऋण वितरित कर 15.41 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया ।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 741 करोड़ 98 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन हेतु 206 करोड़ 27 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।
प्रदेश के कृषकों को गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला पौध उपलब्ध कराने हेतु ऊतक सम्वर्धन प्रयोगशाला की स्थापना हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- सहारनपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फाॅर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- “मुख्य मंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत” 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- “निषादराज बोट सब्सिडी योजनान्तर्गत” 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के निराश्रित/ बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 187 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराया जाना लक्षित है जिसके सापेक्ष 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण है।
- प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो-आश्रय केन्द्र स्थापित/ क्रियाशील है।
- छुट्टा गोवंश के रख-रखाव हेतु 750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना हेतु 120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- पशु रोग नियंत्रण हेतु 116 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जनपदों में भेड़ पालन योजना हेतु 3 करोड़ 44 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है जिसमें उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दुग्ध उत्पादनकर्ता राज्य है। दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई जनसंख्या एवं घटती हुई कृषि योग्य भूमि के कारण दुग्ध व्यवसाय ही एकमात्र ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्बल, भूमिहीन मजदूर, बेरोजगारों हेतु अतिरिक्त आय का लाभप्रद साधन है।
- वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 86 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 61 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
जनपद मेरठ व वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति, 2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है तथा प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है।
- पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में 27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई तथा 120 चीनी मिलों द्वारा 1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया।
- वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28.53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है ।
- वर्तमान सरकार द्वारा कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउण्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिससे गन्ना मूल्य खाता केवल मिल प्रतिनिधि के स्थान पर अब मिल प्रतिनिधि एवं जिला गन्ना अधिकारी तथा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित किया जा रहा है। चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है।
- विगत पांच वर्षों में 27,531 हेक्टेयर गन्ना खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है। इससे 50 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होगी।
- नेशनल मिशन फाॅर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 631 करोड़ 93 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिग योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में प्रदेश के 49 जनपदों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है जिसमें गंगा नदी से जुडे 26 जनपद सम्मिलित हैं।
- योजनान्तर्गत 1714 क्लस्टर्स आच्छादित हैं जिनका सम्मिलित क्षेत्रफल 85,710 हेक्टेयर है। योजना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है ।
- आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- दलहन और तिलहन बीज मिनी किट वितरण योजना हेतु 15-15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कृषकों के डिजिटल डाटाबेस हेतु एग्री-स्टैक योजना हेतु 2 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वर्ष 2023-2024 में 17000 किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है.
कृषकों को कृषि की समग्र नवीनतम तकनीक से प्रशिक्षित करने हेतु एक नवोन्मेषी कार्यक्रम ‘‘ द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2021-2022 में आवंटित 4,33,536 आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 4,24,344 आवासों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है तथा शेष आवास निर्माणाधीन है.
ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग 3.10 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है.
प्रदेश के विभिन्न ग्रामों के गरीब परिवारों के घरों पर प्रकाश, पंखे एवं मोबाइल चार्जिंग की सुविधा हेतु 1.93 लाख सोलर पाॅवर पैक संयंत्रों की स्थापना करायी गयी है.
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