देश में बढ़ रहा है भेड़ के मीट का उत्पादन, दो राज्यों में जीरो हुआ ऊन प्रोडक्शन 

देश में बढ़ रहा है भेड़ के मीट का उत्पादन, दो राज्यों में जीरो हुआ ऊन प्रोडक्शन 

गद्दी नस्ल की भेड़ की ऊन सबसे अच्छी मानी जाती है. यह भेड़ खासतौर पर ठंडे इलाकों में पाली जाती है. गद्दी भेड़ से मिलने वाली ऊन से कपड़े बनाए जाते हैं. लेकिन अफसोस की इसका उत्पादन भी बहुत कम है. इस भेड़ की संख्या भी देश में सिर्फ 6.70 लाख ही बची है. 

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देश में बढ़ रहा है भेड़ के मीट का उत्पादन, दो राज्यों में जीरो हुआ ऊन प्रोडक्शन फार्म हाउस में रखी गईं भेड़. फोटो क्रेडिट-किसान तक

ऊन भेड़ की खास और सबसे बड़ी पहचान है. लेकिन देश में भेड़ की यह पहचान पीछे छूट रही है. भेड़ के मीट का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. मीट उत्पादन के चलते ही दो राज्यों में ऊन का उत्पादन जीरो हो गया है. मीट के लिए काटी जा रहीं भेड़ों की संख्या हर साल 50 लाख से ज्यादा बढ़ रही है. भेड़ के मीट की मांग एक्सपोर्ट से ज्यादा घरेलू स्त्र पर बढ़ रही है. यही वजह है कि ऊन का ज्यादा उत्पादन करने वाली नस्ल की भेड़ की संख्या कम होती जा रही है. मीट के लिए ज्यादा वजन वाली नस्ल की भेड़ें पाली जा रही हैं. पशुपालन मंत्रालय के मुताबिक देश में भेड़ों की कुल संख्या़ करीब 7.50 करोड़ है. 
 
एक्सपर्ट की मानें तो भेड़ के मीट में फैट बहुत होता है इसलिए ठंडे इलाकों में इसका मीट बहुत खाया जाता है. वहीं आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में इसी फैट के चलते बिरयानी में भेड़ के मीट का इस्तेमाल खूब किया जाता है. 

आंध्रा प्रदेश-तेलंगाना में मीट उत्पादन बढ़ा, घटा ऊन प्रोडक्श‍न 

केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना ऊन प्रोडक्शन जीरो हो चुका है. वहीं मीट उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. देशभर की बात करें तो वहां भी भेड़ के मीट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. 

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आंध्रा प्रदेश में मीट उत्पादन-

2019-20- 1.93 लाख टन
2020-21  2.41 लाख टन
2021-22  2.66 लाख टन 

तेलंगाना में मीट उत्पादन-

2019-20- 2.88 लाख टन
2020-21  3.03 लाख टन
2021-22  3.29 लाख टन 

देश में मीट उत्पादन-

2019-20- 7.69 लाख टन
2020-21  8.83 लाख टन
2021-22  9.60 लाख टन 

नोट- आंकड़े भेड़ के मीट उत्पादन के हैं. 

आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना में ऊन प्रोडक्शन

साल 2021-22 में आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना में ऊन प्रोडक्शन जीरो रहा है. 

साल 2020-21 में तेलंगाना में 9.11 फीसद ऊन का उत्पादन हुआ था. 

साल 2020-21 में आंध्रा प्रदेश में ऊन का उत्पादन जीरो रहा.

देश में ऊन प्रोडक्शन एक नजर में-

साल 2015-16 में भेड़ की ऊन का देश में कुल प्रोडक्शन 4.35 करोड़ किलोग्राम था. 

साल 2021-22 में भेड़ की ऊन का देश में कुल प्रोडक्शन 3.31 करोड़ किलोग्राम ही हुआ है. 

साल 2012 में भेड़ों की संख्या  6.5 करोड़ थीं, वहीं साल 2019 में 7.42 करोड़ हो गई है.  

नोट- साल में तीन बार भेड़ पर से ऊन उतारी जाती है.

सबसे ज्यादा मीट उत्पादन करने वाले 5 राज्य

तेलंगाना- 3.29 लाख 
आंध्रा प्रदेश- 2.66 लाख 
कर्नाटक- 1.36 लाख 
तमिलनाडू- 68. हजार
राजस्थान- 53.31 हजार

नोट- भेड़ के मीट के आंकड़े टन में हैं.

सबसे ज्यादा ऊन उत्पादन करने वाले 5 राज्य  

राजस्थान- 42.91 
जम्मू-कश्मीर- 23.19 
गुजरात- 6.12 
महाराष्ट‍- 4.78 
हिमाचल प्रदेश- 4.33

नोट- आंकड़ें फीसद में हैं.  

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भेड़ों से जुड़े कुछ तथ्य एक नजर में- 

भेड़ों की कुल 44 नस्ल रजिस्टर्ड हैं. 

भेड़ों को खासतौर पर दूध, मीट और ऊन के लिए पाला जाता है. 

देश में ऊन का कुल प्रोडक्शन 37 मिलियन टन है. 

देश के पांच राज्यों में 84 फीसद ऊन प्रोडक्शन होता है. 

2021-22 में देश में भेड़ के मीट का कुल उत्पादन 9.60 लाख टन था. 

कुल मीट प्रोडक्शन में भेड़ की हिस्सेदारी 10.33 फीसद है.

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