
राजस्थान वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोसिबिलिटी के अंतर्गत गोद लिए गांव गाढ़वाला में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण, कृषि विभाग, बीकानेर सहयोग से वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के गर्ग ने पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि वैज्ञानिक पशुपालन तकनीकों को अपनाकर और मूल्य संवर्धन द्वारा पशुपालक अधिक से अधिक लाभ कमा सकते हैं. गोपालन ग्रामीण आर्थिक उन्नति का आधार है. पशुपालक भाई कृषि के साथ-साथ गोपालन अपनाकर स्वावलम्बी हो सकते है.
इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि इन प्रदर्शनी इकाईयों को अपनाकर और वैज्ञानिक ढंग से पशुपालन करने से न केवल उत्पादन बढ़ाया जा सकता है और आर्थिक उन्नति भी प्राप्त की जा सकती है. कुलपति ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीकों को सीखें,अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें. प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोंसिबिलिटी के गाढ़वाला में पशुपालन के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है और इस कार्यक्रम में 40 पशुपालकों को वैज्ञानिक विधि द्वारा गोपालन हेतु प्रर्दशन इकाईयों (फीड मेंजर और पशु चटाई) और 6 पशुपालकों को वर्मी कम्पोस्ट बेड का वितरण किया गया.
ममता कुमारी, उप परियोजना निदेशक, आत्मा ने कृषि और पशुपालन में हो रहे नवाचारों के बारे में बताया और आत्मा के उद्देश्यों और गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. कार्यक्रम का संचालन यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी के समन्वयक डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने किया.
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