राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 10 फरवरी को प्रदेश का बजट पेश किया. इस बार भी कृषि बजट अलग से पेश किया गया. पिछले साल कृषि बजट को गहलोत ने 11 मिशन में बांटा था. इस बार युवाओं को खेत से जोड़ने के मकसद से इसमें एक मिशन और जोड़ा गया है. अब राज्य के कृषि क्षेत्र को कुल 12 मिशन में बांटा गया है. हालांकि कृषि बजट पेश करते समय पिछले साल गहलोत ने समृद्ध किसान-खुशहाल राजस्थान की थीम दी थी. लेकिन इस बार कृषि बजट के लिए इस तरह की कोई थीम नहीं थी. वैसे पिछली बार की तरह इस बार भी गहलोत ने कृषि बजट की शुरूआत डॉ. एम एस स्वामीनाथन (M S Swaminatan) के कथन से की.
बता दें कि राजस्थान की ग्रॉस स्टेट डोमेक्टिक प्रोडक्ट (GSDP) में खेती का करीब 30 प्रतिशत का योगदान है. राज्य में करीब 85 लाख परिवारों का जीवनयापन खेती पर टिका है.
- गहलोत ने बजट में इसका नाम राजस्थान युवा कृषक कौशल एवं क्षमता संवर्धन मिशन दिया है. इसके तहत 11वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन और पीजी में कृषि विषय लेकर पढ़ने वाली लड़कियों को अब 11वीं में 15 हजार 12वीं में 25 व ग्रेजुएशन और पीजी में 40 हजार रुपये प्रति वर्ष दिए जाएंगे. पहले यह 5, 12 और 15 हजार रुपये था. सरकार इस पर 50 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
- गहलोत सरकार 40 करोड़ रुपये खर्च कर युवा किसानों को कृषि यंत्रों, सौर ऊर्जा संयंत्र, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र के रखरखाव और मरम्मत के लिए आवासीय ट्रेनिंग देगी. साथ ही युवा किसानों को किट भी दी जाएगी.
- अगले साल में राज्य सरकार 100 युवा प्रोग्रेसिव किसानों को इजराइल भेजेगी.
-अगले साल एक हजार कृषि स्नातक युवाओं को संविदा पर कृषक मित्र रखा जाएगा. साथ ही कृषि कॉलेजों में पशुपालन से संबंधित वैकल्पिक विषय लिए जाने की सुविधा भी दी जाएगी.
- इसके साथ ही अलवर, रावतभाटा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, धौलपुर, दूदू, और हिंडौन में कृषि महाविद्यालय खोले जाएंगे.
भी पढ़ें- Rajasthan Budget 2023: जानिए खेत और किसान को क्या मिल सकता है बजट में?
जैविक खेती मिशन के तहत जयपुर और जोधपुर में 100 करोड़ रुपये से ऑर्गेनिक प्रोडक्ट मार्ट की स्थापना की जाएगी. 50 हजार किसानों को जैविक खेती के लिए प्रत्येक किसान को पांच हजार रुपये इनपुट सब्सिडी दी जाएगी. राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के तहत अगले साल 23 लाख किसानों को 130 करोड़ रुपये की लागत से प्रमाणित बीजों की मिनीकिट दी जाएंगी. घास के विकल्प के रूप में प्रत्येक पंचायत में नेपियर घास की एग्जीबिशन लगाई जाएंगी. साल 2022-23 में यह दायरा 12 लाख किसानों तक ही था. बजट में पहले मिशन में सूक्ष्म सिंचाई के तहत अगले दो साल में 50 हजार किसानों के खेतों में फार्म पौन्ड बनाए जाएंगे. प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पॉन्ड के लिए अब 90 हजार के स्थान पर 1.20 हजार रुपये दिए जाएंगे.साथ ही अगले दो साल में 40 हजार किसानों को सिंचाई के लिए 16 हजार किलोमीटर पाइप लाइन के लिए सब्सिडी दी जाएगी.
राजस्थान मिलेट प्रोत्साहन मिशन के तहत आठ लाख किसानों को संकर बाजरा बीज मिनीकिट दी जाएंगी. इस पर 16 करोड़ रुपये खर्च होंगे. साथ ही बाजरे के ज्यादा उपयोग के लिए इसे मिड-डे मील, इंदिरा रसोई और ICDS की योजनाओं में प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.
हालांकि पिछले बजट में मिलेट की पहली 100 प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना पर 40 करोड़ रुपये की सब्सिडी की घोषणा की गई थी. इस बार बजट में इसका कोई जिक्र गहलोत ने नहीं किया.
ये भी पढ़ें- सदन में पिछले साल का बजट पढ़ गए सीएम गहलोत, विपक्ष बोला- लीक हो गया कागज
वहीं, संरक्षित खेती मिशन के तहत अगले दो साल में 60 हजार किसानों को ग्रीन हाउस, शेडनेट, लो-टनल के लिए एक हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. पिछले बजट में यह दायरा 25 हजार किसानों तक ही था.
कृषि बजट का छठा मिशन उद्यानिकी विकास मिशन है. इस साल बजट में 20 लाख किसानों को सब्जी के बीजों की किट दी जाएंगी. साथ ही सिरोही में अंजीर का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और सवाई माधोपुर में अमरूद उत्कृष्टता प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की घोषणा की गई है.
इसके अलावा राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत इस साल एक लाख किसानों को 200 करोड़ रुपये की तारबंदी योजना पर सब्सिडी दी जाएगी. हालांकि 2022-23 के बजट में यह 35 हजार किसानों पर 100 करोड़ रुपये थी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल प्रति दिन 500 टन एसएसपी और डीएपी बनाने की क्षमता वाले प्लांट स्थापित करने की घोषणा की है. यह भूमि उर्वरकता मिशन के तहत किया जाएगा. इस पर 150 करोड़ रुपये की लागत आएगी. साथ ही हरी घास के लिए पांच लाख किसानों को ढेंचा बीज की मिनीकिट दी जाएंगी. पिछले साल यह टारगेट दो लाख किसानों का था.
कृषि श्रमिक संबल मिशन के तहत 2023-24 बजट में दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख भूमिहीन किसानों को हस्तचलित कृषि यंत्रों की खरीद के लिए पांच हजार रुपए प्रति परिवार सब्सिडी दी जाएगी. इस पर सरकार 250 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके साथ ही कृषि तकनीकी मिशन के तहत किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए अगले साल एक लाख किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे. इस पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
साल 2022-23 में यह योजना 150 करोड़ के साथ 60 हजार किसानों तक सीमित थी. इसके अलावा कृषि स्नातक बेरोजगार युवाओं को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए 4-4 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा. इस योजना पर 40 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें- Rajasthan Budget 2023: कृषि को क्या मिला इस बजट में, यहां पढ़ें डिटेल्स
खाद्य प्रसंस्करण मिशन के तहत मधुमक्खी पालन के लिए भरतपुर, धौलपुर, श्रीगंगानगर सहित अन्य जिलों को 10 हजार किसानों को 100 करोड़ रुपये से लाभांवित किया जाएगा. साथ ही टोंक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एपिकल्चर स्थापित होगा.
इसके अलावा सिंचाई के लिए पिछले बजट में शुरू की राजस्थान इरिगेशन रिस्ट्रक्चर कार्यक्रम में अब 3600 करोड़ रुपये के और काम किए जाएंगे. पिछले साल इसमें 14,860 करोड़ रुपये के कामों की घोषणा की गई थी. अब तक इसमें से 11 हजार करोड़ रुपये के कामों की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं.
ये भी पढ़ें- Rajasthan Budget 2023: राजनीति का अखाड़ा बनी ERCP, बजट में पूरी होंगी पूर्वी राजस्थान की उम्मीदें?
वहीं, इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 1450 करोड़ रुपये से जीर्णोद्धार के काम कराए जाएंगे. ईआरसीपी में 13 हजार करोड़ रुपये व्यय होंगे.
Rajasthan Budget 2023: राजस्थान के हर किसान पर 1.13 लाख का कर्ज, बजट से मिलेगी समृद्धि !
ऑटिज्म, शुगर ही नहीं टीबी रोगियों को भी स्वास्थ्य लाभ पहुंचा रहा है ऊंटनी का दूध
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today