Rajasthan Pushkar Melaअंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पुष्कर मेला दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. मेला के मैदान में नारंगी छटा देखने को मिल रही है. हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक पर्यटक नजर आ रहे हैं. विदेशियों को राजस्थान की संस्कृति से जोड़ने के लिए तरबन बांधो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें केवल विदेशी पर्यटकों ने भाग लिया. पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में 14 विदेशी जोड़े शामिल हुए. इस प्रतियोगिता के माध्यम से विदेशी पर्यटकों को राजस्थान की आज और साफा, जिसे राजस्थानी भाषा में पगड़ी भी कहा जाता है. उससे अवगत करवाया है. इसके अलावा विदेशी पर्यटकों को तिलक लगाने और मौली बांधने के बारे में भी बताया जाता है. विदेशी मेहमानों से खचाखच भरे मंडप में हर कोई इस मुकाबले को देख रहा था.
क्योंकि विदेशियों के लिए यह पहला मौका होता है और इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों विदेशी पर्यटक मेला मैदान में पहुंचते हैं. प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा पुरस्कार भी दिया जाता है.
राजस्थान पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अजय शर्मा ने बताया कि विभाग की ओर से तीन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. जिसमें मूंछ प्रतियोगिता और साफा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में केवल विदेशी पर्यटक ही भाग लेते हैं क्योंकि उन्हें राजस्थान की संस्कृति से परिचित कराना होता है. साफा प्रतियोगिता में अमेरिका के मिस्टर पैट्रिक और हेलेन पहले स्थान पर रहे. जबकि आयरलैंड के एडवर्ड और केंट दूसरे स्थान पर रहे और अमेरिका के जॉन और हीथर तीसरे स्थान पर रहे. इतना ही नहीं घोड़ा डांस प्रतियोगिता में कैटरीना नाम की घोड़ी ने डांस कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस प्रतियोगिता में 11 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
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प्रतियोगिता के दौरान जब विदेशी पर्यटकों ने घोड़े के ढोल की थाप पर डांस किया तो वे देख कर दंग रह गए. इस दौरान मेला मैदान पर विदेशी मेहमानों की भीड़ देखने को मिली. घोड़ा नृत्य प्रतियोगिता में डीडवाना के प्रभु सिंह की कैटरीना नामक घोड़ी ने शानदार ढोल की थाप पर नृत्य कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है. कैटरीना का डांस देखकर विदेशी पर्यटक खुश हो गए.
इस प्रतियोगिता में कई घोड़ा मालिकों ने अपने घोड़ों को ढोल की थाप पर नचाया. इस प्रतियोगिता में राजस्थान ही नहीं अन्य राज्यों के अश्व पालकों ने भी भाग लिया. प्रतियोगिता में पर्यटन एवं पशुपालन विभाग के पशु मेला अधिकारी डॉ. नवीन परिहार निर्णायक थे.
अश्व नृत्य प्रतियोगिता के दौरान जब अश्व पालक अपने घोड़ों को लेकर मैदान में पहुंचे तो विदेशी पर्यटकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया. घोड़ा नृत्य प्रतियोगिता में घोड़ा मालिकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया. प्रतियोगिता के दौरान जब घोड़ापालक ने अपने घोड़े को ढोल की थाप पर नचाना शुरू किया तो विदेशी पर्यटकों ने जोरदार तालियां बजाकर उसका हौसला बढ़ाया. प्रतियोगिता में कई घोड़ा मालिकों ने अपने घोड़ों को नचाकर तालियां बटोरीं.
अश्व नृत्य प्रतियोगिता के दौरान घोड़ों ने नृत्य के साथ-साथ कई तरह के करतब भी दिखाए. इस प्रतियोगिता में नागौर डीडवाना के प्रभु राम की घोड़ी कैटरीना पहले और सीकर के विजेंद्र दूसरे तथा अजमेर के मेघ सिंहोर झुनझुन के मदन सिंह तीसरे स्थान पर रहे. विजेताओं को पर्यटन विभाग की ओर से नकद पुरस्कार दिया गया.
पुष्कर मेला एक बहुत ही सुखद अनुभव रहा है. मेले में अश्वक नृत्य देखकर बहुत प्रसन्न हुए. कैटरीना घोड़ी के मालिक प्रभु सिंह करीब बीस साल से इस मेले में हिस्सा लेते आ रहे हैं. मैं प्रथम आकर बहुत खुश हूं.
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