किसान आंदोलन को लेकर चल रही बयानबाजी अब में बॉलीवुड एक्टर नाना पाटेकर की भी एंट्री हो गई है. उन्होंने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. पाटेकर ने किसानों का खुलकर समर्थन करते हुए कहा कि वो खुद तय करें कि उन्हें देश में किसकी सरकार लानी है. वो नाशिक जिले में आयोजित किसान साहित्य सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर पाटेकर ने किसानों को उनकी उपज का सही दाम न मिल पाने को लेकर राजनेताओं को खरी खोटी सुनाई. नाना ने कहा कि रोज़ सोने की कीमतें बढ़ती हैं लेकिन हमारे दैनिक जीवन के लिए कीमती गेहूं और चावल के दाम क्यों नहीं बढ़ रहे हैं? जिससे कि किसानों को भी मुनाफा हो.
पाटेकर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह गंभीर बात है कि सरकार देश को प्रतिदिन अन्न उपलब्ध कराने वाले किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करती है. ऐसी उपेक्षापूर्ण सरकार से अब किसानों को कुछ नहीं मांगना चाहिए. किसानों को यह तय करने की शक्ति पैदा करनी चाहिए कि अब कौन सी सरकार होगी. ऐसा होगा तभी किसानों की सुनी जाएगी.
ये भी पढ़ें: Onion Price: किसान ने 443 किलो प्याज बेचा, 565 रुपये घर से लगाने पड़े, निर्यात बंदी ने किया बेहाल
अपनी फसलों का उचित दाम मांगने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में राखी सावंत भी उतरी हुई हैं. उन्होंने एक वीडियो जारी करके किसानों का समर्थन किया और केंद्र सरकार से उनकी मांगों को मांगने का आग्रह किया. लेकिन राखी की इमेज से अलग नाना पाटेकर हमेशा से ही किसानों के साथ खड़े रहे हैं. वो हमेशा किसानों के हकों की बात करते रहे हैं.
नाना खुद को किसानों का बड़ा हितैषी बताते हैं. नाना ने किसान आत्महत्या को लेकर अफसोस जताया था. उन्होंने एक संस्था बनाई थी, जो किसानों के पक्ष में काम करती है. उन्होंने कहा था कि किसान भाई आत्महत्या न करें, बल्कि उन्हें फोन करें. नाना के मुताबिक उन्होंने कमजोर आर्थिक हालात की वजह से आत्महत्या करने वाले किसानों की 180 विधवाओं को मदद दी थी.
नाना पाटेकर अपनी फिल्मों के माध्यम से भी सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों को उठाते रहे हैं. इस बार उन्होंने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि पहले 80-90 फीसदी लोग किसान थे, अब किसान 50 फीसदी रह गए हैं. सरकार से अब कुछ मांगो मत. अब तय करो कि सरकार किसकी लानी है. मैं राजनीति में नहीं जा सकता क्योंकि जो पेट में है वही मुंह पर आ जाएगा. वो मुझे पार्टी से निकाल देंगे. पार्टियां बदलते-बदलते एक महीने के अंदर सारी पार्टियां खत्म हो जाएंगी.
ये भी पढ़ें: Farmers Protest: दिल्ली-हरियाणा के आंदोलनकारियों को महाराष्ट्र के किसानों का समर्थन, प्याज की एमएसपी मांगी
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today