MP Patwari Exam Scam: परीक्षा की एक और टॉपर नहीं बता पाई मामूली से सवालों के जवाब

MP Patwari Exam Scam: परीक्षा की एक और टॉपर नहीं बता पाई मामूली से सवालों के जवाब

एक ही परीक्षा केंद्र पर 100 से ज्यादा छात्रों का चयन होने के बाद सवालों के घेरे में आई इस परीक्षा में तीसरे स्थान पर रही एक छात्रा मामूली से सवालों के जवाब नहीं दे पाई. एमपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस छात्रा के वीडियो के हवाले से शिवराज सरकार पर हमला तेज कर दिया है.

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MP Patwari Exam Scam: परीक्षा की एक और टॉपर नहीं बता पाई मामूली से सवालों के जवाबMP Patwari Exam Scam

'पटवारी' भले ही बहुत छोटा पद हो, लेकिन ग्रामीण जीवन में किसानों के लिए पटवारी का महत्व जगजाहिर है. खेती की जमीन की पैमाइश से लेकर गांव की एक एक इंच जमीन का हिसाब किताब पटवारी के ही हाथ में होता है. यही 'पटवारी' का पद इन दिनों एमपी में खासी चर्चा का विषय बन गया है. इसकी वजह एमपी पटवारी भर्ती परीक्षा है. इस परीक्षा का परिणाम राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की शिवराज सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है. 

एक ही परीक्षा केंद्र पर 100 से ज्यादा छात्रों का चयन होने के बाद सवालों के घेरे में आई इस परीक्षा में तीसरे स्थान पर रही एक छात्रा मामूली से सवालों के जवाब नहीं दे पाई. एमपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस छात्रा के वीडियो के हवाले से शिवराज सरकार पर हमला तेज कर दिया है. एमपी कांग्रेस के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने पटवारी परीक्षा में तीसरे स्थान पर रही पूनम राजावत का एक वीडियो साझा किया है. इसमें वह एमपी में कुल जिलों की संख्या जैसे सरल सवालों का भी जवाब नहीं दे पा रही हैं. मिश्रा ने इससे पहले पटवारी परीक्षा में छठे स्थान पर चयनित हुई छात्रा मधुलता के नाम से वायरल हुआ वीडियो भी साझा किया था जिसमें एक युवती भर्ती के एवज में 15 लाख रुपये घूस देने की बात कहती दिख रही है.

हालांकि मिश्रा की वॉल पर एक शख्स ने जवाबी ट्वीट कर एक अन्य वीडियो साझा किया जिसमें वही युवती अपने पिछले वीडियो का खंडन करते हुए कहती दिख रही है कि वह मधुलता नहीं है, उसकी सहेलियों ने हंसी मजाक में उक्त वीडियो को यूट्यूब पर शेयर कर दिया था. कुल मिलाकर सोशल मीडिया पर चल रही इस खींचतान के बीच मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी पारा चढ़ गया है.

मिश्रा ने किया पलटवार

पटवारी परीक्षा में चयनित छात्रा मधुलता के वीडियो पर सवाल उठने के बाद मिश्रा ने एक और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया. इसमें पटवारी परीक्षा की मेरिट लिस्ट में तीसरे पायदान पर रही पूनम राजावत मीडिया द्वारा पूछे गए सामान्य से सवालों का भी जवाब नहीं दे पाई. इस वीडियो के हवाले से मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि पटवारी परीक्षा में 10 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी. उसमें तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली ये अभ्यर्थी पूनम राजावत हैं, जिनको ये नहीं पता कि मध्य प्रदेश में कितने जिले हैं,कितने संभाग हैं और कौन सा जिला किस संभाग में है. और तीसरी रैंक ले आई. इतना ही नहीं मिश्रा ने इस मामले में शिवराज सरकार का मुखरता से बचाव कर रहे एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर भी निशाना साधा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि‍ मप्र के यशस्वी (?) गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जी फरमा रहे हैं कि ये परीक्षाएं विश्व की सबसे उत्कृष्ट प्रणाली/ संस्थान से करवाई गई है. उनमें ऐसे होनहार का चयन तीसरी रैंक में हुआ. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गृह मंत्री जी,इनका बचाव तो आपकी बौद्धिकता पर भी सवालिया निशान है? मात्र कुछ टुकड़ों के लिए होनहार नौजवानी को अंधेरे की भट्टी में क्यों धकेल रहे हैं, ईश्वर भी माफ नहीं करेगा.गौरतलब है कि सोमवार को पटवारी भर्ती परीक्षा में भाग लेने वाले तमाम छात्रों ने इस परीक्षा को रद्द कर फि‍र से परीक्षा कराने की मांग को लेकर एमपी की राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया था.

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कमलनाथ भी हुए हमलावर

एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा कि शिवराज सरकार को फिर से यह परीक्षा करानी चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर भोपाल में हजारों की संख्या में अभ्यर्थी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं. मैं इनके प्रदर्शन का समर्थन करता हूं. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश को जिस तरह से भर्ती घोटालों का प्रदेश बना दिया है, उसमें किसी भी नौजवान का भविष्य सुरक्षित नहीं है. हर भर्ती घोटाले के तार अंततः सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से जुड़ते हैं और प्रदेश की सरकार घोटाले के सूत्रधारों को बचाने का प्रयास करती रहती है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की शिवराज सरकार की नीति के कारण न सिर्फ नौजवानों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है बल्कि पूरी दुनिया में मध्य प्रदेश का नाम खराब हो रहा है. कमलनाथ ने नौजवानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि 4 महीने बाद प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी तब घोटाले, भ्रष्टाचार और कमीशन का राज समाप्त होगा और आपको योग्यता के अनुसार विधि सम्मत तरीके से रोजगार मिलेगा.

पहले थे दुरुस्त अब बने विकलांग

पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी का मामला सबसे पहले एमपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण सुभाष यादव ने उठाया था. उन्होंने ग्वालियर के एनआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में बने परीक्षा केंद्र से 7 टॉपर सहित 100 छात्रों का चयन होने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि यह संस्थान भिंड से भाजपा विधायक संजीव कुशवाह का है, इसलिए सत्तारूढ़ दल के प्रभाव का इस्तेमाल कर परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी हुई है. इस बीच यादव ने इस परीक्षा से जुड़ी एक अन्य गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि इस परीक्षा में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र बनवाकर भी कुछ छात्रों का चयन करवाया गया है. उन्होंने कुछ ऐसे चयनित छात्रों के प्रवेश पत्र ट्विटर पर साझा किए जो वन संरक्षक परीक्षा में फि‍ट थे, लेकिन पटवारी भर्ती परीक्षा में विकलांग कोटे से परीक्षा दे रहे थे. उन्होंने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में जो अभ्यर्थी दिव्यांग थे वो वन रक्षक - जेल प्रहरी के परीक्षा में फिट कैसे हो गए ? यह कौन सा नया प्रयोग है ?यादव ने इस परीक्षा घोटाले को नौजवानों के साथ सबसे बड़ा धोखा बताते हुए राज्य सरकार से इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग भी की है. उन्होंने कहा कि हमारी पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले में एक ही मांग है कि पूरे मामले के सीबीआई जांच हो, जिससे दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो पाए.

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