राजस्थान के किसान अब अपने कृषि उत्पाद को पैक कर बाजार में बेचने लायक बना सकेंगे. साथ ही किसान अपने किसानो की पैकेजिंंग कर उनकी उम्र भी बढ़ा सकेंगे. इसके लिए राजस्थान के किसानों को ट्रेनिंग मिलेगी. इस दिशा में काम शुरू हाे गया है. जिसके तहत राजस्थान सरकार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के साथ करार करने जा रही है. राजस्थान के कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान सरकार पैकेजिंग संस्थान की विशेषता को देखते हुए उससे राज्य में एग्रो पॉलिसी के तहत स्थापित इकाइयों, एफपीओ एवं एचएसजी को पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग में तकनीकी सलाह व जानकारी के लिए एमओयू करेगी.
असल में राजस्थान में 13 और 14 मार्च को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के तहत राजस्थान मिलेट्स कॉनक्लेव का आयोजन किया गया था. इस दौरान मिलेट्स की सेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए अच्छी पैकेजिंग की जानकारी किसानों, स्टार्टअप्स को दी गई. इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव में भारतीय पैकेजिंग संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा मिलेट्स को आकर्षक एवं लंबे समय तक सुरक्षित रखने की दृष्टि से पैकेजिंग के बारे में जानकारी दी गई.
मिलेट्स कॉन्क्लेव के दौरान आगाज़ एनिशिएटिव एप की लांचिंग भी की गई. इस एप के माध्यम से मिलेट्स क्षेत्र में काम कर रहे किसान, स्टार्टअप और अन्य आंत्रप्रेन्योर्स को आने वाली समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इसमें आईआईएमआर, आईसीएआर की सहभागिता भी होगी. इस एप के माध्यम से मिलेट आटों की सेल्फ लाइफ बढ़ाने, ज्यादा प्रोडक्ट बनाने संबंधी जानकारी, टेक्नोलॉजी सपोर्ट, नेटवर्किंग और इंवेस्टर्स से संपर्क, ब्रांडिंग और पीआर जैसी जानकारियों लोगों को मिल सकेगी.
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कॉन्क्लेव के दौरान मिलिट्स की खपत को बढ़ाने और उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला में मिलेट्स पोषण महत्व एवं एग्रो प्रोसेसिंग पर विभिन्न सेमिनार आयोजित किए गए. जिसमें मिलेट्स उत्पादक, कृषि व्यवसायी, स्टार्ट अप, एफपीओ, समाज सेवी संस्था, कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों के संवाद के माध्यम से ठोस रणनीति विकसित की गई.
कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि कॉन्क्लेव के माध्यम से आमजन को बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, कुटकी और सावा जैसे अनेक मिलेट्स के पोषक तत्वों एवं स्वास्थ्य के लिए फायदों के बारे में जागरूक किया गया. साथ ही इनके उत्पादन को बढ़ाने व विपणन में अवसरों को प्रोत्साहित किया गया. उन्होंने बताया कि कॉन्क्लेव के दौरान ही एग्रो प्रोसेसिंग पॉलिसी, एफपीओ, स्वयं सहायता समूह, नेशनल लेवल स्टार्टअप, स्टेट लेवल स्टार्टअप को प्रोत्साहित करते हुए 11 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
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कॉन्क्लेव के पहले दिन यानी 13 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज किसान सुविधा एप लांच किया. इस एप से किसान अपने मोबाइल पर ही कृषि और संबंधित विभागों की योजनाओं की जानकारी ले सकेगा और योजनाओं में आवेदन भी कर सकेगा. इस दौरान कृषि विपणन विभाग निदेशक सीताराम जाट, आईसीएआर,काजरी, एनआईएएम, आईआईएमआर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, शोधकर्ता, कृषि अधिकारी और किसान उपस्थित रहे.
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