
देश में धोखाधड़ी का एक नया चलन शुरू हो गया है. सरकारी योजनाओं के नाम पर ऐसी ही साइटें बनाई जा रही हैं और इन साइटों के जरिए लोगों को सरकारी नौकरियां दिलाने का दावा किया जा रहा है. इन साइट्स को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि कोई भी धोखा खा जाएगा. सबसे बड़ी बात यह है कि ये वेबसाइटें लोगों से नौकरी के आवेदन के नाम पर पैसे भी ले रही हैं.
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेकिंग टीम ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए बताया है कि रोजगार सेवक नाम की एक साइट है जो फर्जी है. यह साइट खुद को मनरेगा की आधिकारिक साइट होने का दावा करती है, लेकिन यह एक फर्जी वेबसाइट है. इस साइट का यूआरएल www.rojgarsevak.org है.
सबसे खास बात यह है कि यह साइट यह भी दावा कर रही है कि इसे एनआईसी द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. आपको बता दें कि सभी सरकारी साइटें एनआईसी द्वारा तैयार की जाती हैं. एनआईसी द्वारा डिजाइन की गई साइटों पर एनआईसी का लोगो है, जबकि रोजगार सेवक साइट पर ऐसा कुछ नहीं है.
A #Fake website 'https://t.co/eRe4TrxzFB' is claiming to be the official website of MGNREGA, @MoRD_GoI#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 13, 2023
▶️This website is not associated with GOI
▶️The official website of MGNREGA is https://t.co/GvPNOxbMwI pic.twitter.com/x8Y4OmG1AR
इस फर्जी साइट पर ग्राम रोजगार सेवक सहित विभिन्न प्रकार की रिक्तियों के संबंध में अधिसूचनाएं जारी की गई हैं. यह साइट ग्राम रोजगार सेवक पद के लिए 37,500 रुपये मासिक वेतन देने का दावा कर रही है. सच तो यह है कि इसका ग्रामीण विकास मंत्रालय से कोई संबंध नहीं है. मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट https://nrega.nic.in है. ऐसे में PIB की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वो इस तरह की किसी भी फर्जीवाड़े का शिकार ना हों.
मनरेगा योजना देश के गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई थी, लेकिन इसे राष्ट्रीय स्तर पर हर राज्य सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार ने भी अपनाया है. इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार प्रदान किया जाता है. ताकि उन्हें रोजगार के लिए गांव से दूर न जाना पड़े. देश के सभी राज्यों में ग्राम पंचायत स्तर पर चलने वाली इस योजना से लोगों को काफी मदद मिल रही है. मनरेगा योजना के माध्यम से अब तक देश के करोड़ों नागरिकों को लाभ मिल चुका है.
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