करीब दो साल से प्याज के कम रेट की मार झेल रहे महाराष्ट्र के किसानों को थोड़ी राहत मिली है. दाम में मामूली सुधार दिख रहा है. यहां की कुछ मंडियों में सुपर क्वालिटी के प्याज का दाम 15 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. हालांकि अब भी किसान फायदे में नहीं हैं. कोल्हापुर, केडगांव, सतारा, रहता, जुन्नर, हिंगना, पेन और खरड़ जैसी कई मंडियों में दाम 8 से 15 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. हालांकि, अब भी उनकी लागत नहीं निकल पा रही है लेकिन एक-दो या रुपये किलो जैसी खराब स्थिति नहीं है.
किसानों को उम्मीद है कि अब धीरे-धीरे पहले दाम और बढ़ सकता है. क्योंकि काफी किसानों का प्याज खराब हो गया है. जिससे आवक में कमी आएगी. ऐसे में दाम में इजाफा होने की संभावना अधिक होगी. महाराष्ट्र में लगभग 15 लाख किसान परिवार प्याज की खेती से जुड़े हुए हैं. महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. यहां देश के करीब 43 फीसदी प्याज का उत्पादन होता है.
महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि दाम में मामूली सुधार दिखाई दे रहा है. लेकिन अब भी उनके नुकसान की भरपाई नहीं हो पाई है. किसानों को पिछले लगभग 2 साल से बहुत कम दाम मिल रहा है, इसकी भरपाई मिल करना मुश्किल है. पिछले दो सीजन से किसान अच्छे दाम को लेकर बहुत परेशान हैं. राज्य की ज्यादातर मंडियों में अब प्याज का दाम बढ़ रहा है. अब बहुत कम जगहों पर ही न्यूनतम दाम एक-दो रुपये किलो रह गया है. जब तक किसानों को कम से कम 30 रुपये प्रति किलो का दाम नहीं मिलेगा तब तक किसानों को प्याज की खेती में मुनाफा नहीं होगा.
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भारत दिघोले का कहना है कि इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से महाराष्ट्र में काफी किसानों की प्याज की फसल खराब हो गई है. अभी खराब हो भी रही है, इसलिए आने वाले दिनों में मंडियों में प्याज की आवक कम होगी और दाम में और सुधार देखने को मिल सकता है. अच्छा होगा कि सरकार प्याज को भी एमएसपी के दायरे में ले आए ताकि किसानों को नुकसान न हो. जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ है सरकार उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा दे.
(Source: Maharashtra State Agriculture Marketing Board)
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