पूर्वी उत्तर प्रदेश की जलवायु के अनुरूप मक्के की किस्में होंगी तैयार

पूर्वी उत्तर प्रदेश की जलवायु के अनुरूप मक्के की किस्में होंगी तैयार

डीजी उपकार डॉ संजय सिंह ने बताया कि शोध के लिए फसल अनुसंधान केंद्र, बहराइच एवं घाघरा घाट और कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच द्वारा उन्नत किस्मों का चयन करके तकनीक रूप से तैयार किया जाएगा.

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पूर्वी उत्तर प्रदेश की जलवायु के अनुरूप मक्के की किस्में होंगी तैयारपूर्वी उत्तर प्रदेश की जलवायु के अनुरूप मक्के की किस्में होंगी तैयार

अंतर्राष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र (सीमिट) हैदराबाद द्वारा मक्का पर रिसर्च कार्य करने करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच और फसल अनुसंधान केन्द्र बहराइच, घाघरा घाट पर डॉ. संजय सिंह के साथ डॉ. पीएच जैदी, प्रधान वैज्ञानिक ग्लोबल मेज प्रोग्राम और डॉ. बीएस विवेक रीजनल मेज ब्रीडिंग कोऑर्डिनेटर ने भ्रमण किया. भ्रमण के दौरान डॉ. जैदी ने बताया कि मक्का की गुणवत्ता, उत्पादन, उत्पादकता और नई-नई प्रजातियों का विकास किया जाएगा. विश्वविद्यालय, उपकार सिमिट के साथ प्रोग्राम चलाया जाएगा.

उपकार के महानिदेशक और वैज्ञानिकों की मीटींग
उपकार के महानिदेशक और वैज्ञानिकों की मीटींग

डीजी उपकार डॉ संजय सिंह ने बताया कि शोध के लिए फसल अनुसंधान केंद्र, बहराइच एवं घाघरा घाट और कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच द्वारा उन्नत किस्मों का चयन करके तकनीक रूप से तैयार किया जाएगा, जिनकों अन्य के. वी. के. द्वारा किसानों के प्रक्षेत्र पर प्रदर्शन कराकर उन्नत प्रजाति के रूप में क्षेत्र विशेष के लिए लाया जाएगा.

वैज्ञानिकों ने किया खेत का भ्रमण
वैज्ञानिकों ने किया खेत का भ्रमण

वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष के. वी. के. बहराइच डॉ केएम सिंह और प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह फसल अनुसंधान केन्द्र बहराइच और डॉ. पीके. सिंह फसल अनुसंधान केंद्र बहराइच ने दोनो केंद्र का भ्रमण कराया.

 
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