राजस्थान के कोलुआ गांव में जमीन से भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति निकली है. भगवान विष्णु की मूर्ति वेंकटेश्वर के रूप में है. आरोन तहसील के कोलुआ गांव में मूर्ति प्रकट होने की खबर जैसे ही गांव में फैली लोग दर्शन के लिए खेतों की ओर दौड़ पड़े.
जिस खेत में भगवान विष्णु की दुर्लभ मूर्ति मिली है. उस खेत के मालिक जसरथ सिंह ने बताया कि जब वह ट्रैक्टर से जुताई कर रहे थे तो मूर्ति ट्रैक्टर के पंजे में फंस गई. अचानक तेज आवाज होने पर मैंने ट्रैक्टर रोका और नीचे उतरकर देखा तो एक बड़ी चट्टान जैसी चीज दिखी. जब मिट्टी हटाई गई तो अत्यंत प्राचीन पत्थर की मूर्ति प्रकट हुई. जब मूर्ति को पानी से साफ किया गया तो भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर अवतार के दर्शन हुए.
भगवान विष्णु की दुर्लभ मूर्ति लगभग 2 हजार वर्ष पुरानी बताई जा रही है. मूर्ति का आकार लगभग 3 फीट का है . भगवान विष्णु वेंकटेश्वर के रूप में हाथ में सुदर्शन चक्र ,पांचजन्य शंख, कौमोदकी गदा और पद्म कमल धारण किये हुए हैं. मूर्ति के चारों ओर देवी देवता विराजमान हैं. मूर्ति के बारे में जब ग्रामीणों को पता चला तो भीड़ उमड़ पड़ी.
जयवर्द्धन सिंह भी मूर्ति को देखने कोलुआ गांव पहुंच गए. मूर्ति देखकर जयवर्द्धन सिंह सवाल करने लगे कि आखिरकार प्राचीन होते हुए भी मूर्ति इतनी चमकदार कैसे है. इतिहासकार व रिटायर्ड प्रोफेसर सतीश चतुर्वेदी बताते हैं कि मूर्ति काले पत्थर से निर्मित है,जो हजारों वर्ष पुराने इतिहास को दर्शाती है. कुछ स्थान पर पत्थर में क्षरण भी हुआ है जो प्राचीनता की झलक दिखाता है. ऐसी प्रतिमाएं ज्यादातर प्राचीन किलों में देखी जाती हैं. ये अपने आप में दुर्लभ प्रतिमा है जिसे संरक्षित करना चाहिए.
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भगवान विष्णु की मूर्ति को देखने के लिए लोगों का हुजूम गांव पहुंच रहा है. जिस खेत से मूर्ति प्रकट हुई है उसी स्थान पर कच्ची झोपड़ी बनाकर मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है. जिसके बाद अब खबर सुनने को मिल रही है कि यहां भगवान विष्णु का मंदिर बनाया जा सकता है. मूर्ति मिलने के बाद गांव के लोगों के मन में आस्था उमड़ पड़ी है. इसे देखने के लिए न सिर्फ उसी गांव के लोग बल्कि आसपास के गांव के लोग भी आ रहे हैं.
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