भारत का प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थान- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) आजकल कर्मचारियों की भारी कमी का सामना कर रहा है. वहीं आईसीएआर में लगभग आठ हजार पद खाली हैं. आईसीएआर में कुल स्वीकृत 22,947 पदों में से लगभग 34 प्रतिशत पद खाली हैं. अभी तक 7804 पद खाली बताए जा रहे हैं. आईसीएआर में कर्मचारियों की कमी को कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण (2022-23) की स्थायी समिति ने इस सप्ताह संसद में पेश की गई अपनी 52वीं रिपोर्ट में बताया था. कुल 7804 खाली पदों में से 1352 वैज्ञानिक पद, 3417 प्रशासनिक पद और 3035 तकनीकी पद हैं.
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण (2022-23) की स्थायी समिति द्वारा आईसीएआर में कर्मचारियों की कमी के कारणों के बारे में पूछे जाने पर, प्रमुख अनुसंधान संस्थान आईसीएआर ने एक लिखित उत्तर में कहा, “विभाग विभिन्न संवर्ग (वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक) के खाली पदों को भरने के लिए सभी प्रयास कर रहा है. जैसे और जब जरूरत पड़ती है. भर्ती की एक स्थापित प्रक्रिया के माध्यम से खाली पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया एक नियमित प्रक्रिया है. हालांकि, यह विशेषज्ञता के आवश्यक क्षेत्रों में उचित रूप से योग्य उम्मीदवारों की उपलब्धता के अधीन है."
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जबकि, आईसीएआर चलाने वाले कृषि अनुसंधान विभाग (डीएआरई) ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के पुनर्गठन और कोविड-19 के प्रकोप की वजह से पिछले तीन वर्षों के दौरान डायरेक्ट भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ा है.
इस बीच, कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण (2022-23) की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है कि कृषि अनुसंधान विभाग (डीएआरई) को सुचारू और अधिक सार्थक कामकाज के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के संस्थानों में खाली वैज्ञानिक, प्रशासनिक और तकनीकी पदों को जल्द से जल्द भरना होगा. समिति ने यह भी सिफारिश की है कि विभाग को भर्ती प्रक्रिया काफी पहले शुरू करनी चाहिए ताकि पद लंबे समय तक खाली न रहें.
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