भारत ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और इजरायली समकक्ष एवी डिचर के बीच मंगलवार को दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक हुई. इस बैठक के दौरान भारत ने इजरायल से 10 कृषि उत्पादों के लिए बाजार पहुंच उपलब्ध कराने की मांग की है. भारत जिन उत्पादों तक पहुंचना चाहता है उनमें प्याज, आलू, लहसुन, हरी मिर्च, हल्दी, अनानास, आम, अनार, अंगूर और भिंडी के बीज शामिल हैं. बैठक के बाद डिचर ने मीडिया को बताया कि दैनिक व्यापार के संबंध में हम दोनों प्लांट प्रोटेक्शन इंडियन इजरायल सर्विसेज (पीपीआईएस) से बात करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम एक पक्ष से दूसरे पक्ष को माल की आपूर्ति बढ़ा सकें. वहीं, दोनों देशों ने कृषि में सहयोग बढ़ाने के लिए एक द्विपक्षीय समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें 2024-26 के लिए कार्य योजना पर चर्चा की गई.
सूत्रों के अनुसार, भारत ने इजरायल को प्याज और हरी मिर्च के निर्यात में विशेष रुचि व्यक्त की है और वह शीघ्र ही तकनीकी जानकारी भेजेगा. सूत्रों ने बताया कि भारत ने इजरायल से इस प्रक्रिया में तेजी लाने और अन्य आठ वस्तुओं को भी जल्द बाजार पहुंच प्रदान करने का अनुरोध किया है. जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने और किसानों के लिए बीज की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए इजरायली एजेंसी माशाव के साथ अनुसंधान और विकास गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए रोडमैप विकसित करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह का गठन किया जाएगा.
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इस बैठक के बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने कई अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की. इजरायल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए. विचार-विमर्श लाभदायक रहा. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे भारत में 35 उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) कार्यरत हैं.
इसके अलावा एवी डिचर ने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमने कार्य समूह बनाकर और गेहूं के बीजों में सुधार और अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके समझौते को कार्यान्वयन योग्य बनाने का निर्णय लिया है. बैठक से पहले, इजराइली प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर का दौरा किया, जहां उन्होंने अनुसंधान और विकास पर भारत-इजराइल परियोजना और 1996 में स्थापित प्रदर्शन फार्मों के बारे में जानकारी प्राप्त की.
बता दें कि इस दौरे पर इजराइल के कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री अवि दिख्तर भी आए हैं. इजराइल के कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री के रूप में अवि दिख्तर की भारत की यह पहली आधिकारिक यात्रा है. वहीं, इजराइली पक्ष ने भारत के डिजिटल कृषि मिशन और उसके द्वारा भारत में किसानों को सशक्त बनाने के तरीके में भी गहरी रुचि दिखाई. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि निरंतर बातचीत करने और निर्धारित लक्ष्यों और समय-सीमाओं के साथ एक स्पष्ट रोडमैप के विकास के लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना की जा रही है. उन्होंने बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
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