भारत-इजराइल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुआ MoU, जानिए इससे क्‍या होगा

भारत-इजराइल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुआ MoU, जानिए इससे क्‍या होगा

बैठक में कृषि सहयोग समझौते और कार्य योजना पर हस्ताक्षर करके दोनों देशों ने कृषि क्षेत्र में अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है. इस समझौते से मिट्टी और जल प्रबंधन, बागवानी और कृषि उत्पादन, फसल-के बाद प्रोसेस‍िंग ट्रेक्‍नोलॉजी, कृषि मशीनीकरण, पशुपालन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा.

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भारत-इजराइल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुआ MoU, जानिए इससे क्‍या होगाभारत और इजराइल के बीच MoU हुए साइन.

केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि और खाद्य सुरक्षा को लेकर सहयोग बढ़ाने के लिए इजराइल के कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री अवि दिख्तर के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. यह बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर स्थित अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह में हुई. इजराइल के कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री के रूप में अवि दिख्तर की भारत की यह पहली आधिकारिक यात्रा है. 

बैठक के दौरान कृषि सहयोग समझौते और कार्य योजना पर हस्ताक्षर करके दोनों देशों ने कृषि क्षेत्र में अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है. इस समझौते से मिट्टी और जल प्रबंधन, बागवानी और कृषि उत्पादन, फसल-के बाद प्रोसेस‍िंग ट्रेक्‍नोलॉजी, कृषि मशीनीकरण, पशुपालन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा.

35 उत्कृष्टता केंद्र सक्रि‍यता से कर रहे काम

केंद्रीय कृषि मंत्री ने भारत-इजराइल के बीच कृषि कार्य योजनाओं की सफलता में खासकर 43 उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के नेटवर्क के माध्यम से माशाव (MASHAV) की भूमिका की तारीफ की, देश में इसके 35 केंद्र पूरी तरह सक्रिय हैं. इजरायल के उत्कृष्टता गांवों (वीओई) की अवधारणा का लक्ष्य हर उत्कृष्टता केन्द्र से 30 गांवों को जोड़ना है. यह ग्रामीण कनेक्टिविटी की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है. चौहान ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के लिए इजरायल के प्रतिनिधिमंडल को निमंत्रण दिया.

वहीं, इजराइल के कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री अवि दिख्तर ने कहा कि इजराइल और भारत के बीच गहरे संबंध हैं और दोनों देश ज्‍यादा पैदावार वाली बीज की किस्मों और तकनीकों के विकास के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में मिलकर काम कर सकते हैं. जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए भविष्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि क्षेत्र में नवाचार की जरूरत है.

इन क्षेत्रों में सहयोग करेंगे दोनों देश

दोनों पक्षों ने खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के विकास, उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के विस्तार, अनुसंधान और विकास, कीट प्रबंधन, क्षमता निर्माण और फसल-पश्चात प्रौद्योगिकियों के उन्नयन सहित कई प्रमुख क्षेत्रों पर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की. इसके अलावा, वे कृषि उत्पादकता और स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए पंचवर्षीय बीज सुधार योजना (एफवाईएसआईपी) की संभावना तलाशने पर भी सहमत हुए.

कृषि उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत: शिवराज

बढ़ती आबादी और घटती हुई जोत की चुनौतियों को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत पर बात की और किसानों तक उन्नत बीज पहुंचाने के लिए भारतीय और इजरायली वैज्ञानिकों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर भी जोर दिया. बैठक में कृषि से जुड़े कई अलग-अलग नवाचारों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

इजराइली पक्ष ने भारत के डिजिटल कृषि मिशन और उसके द्वारा भारत में किसानों को सशक्त बनाने के तरीके में भी गहरी रुचि दिखाई. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि निरंतर बातचीत करने और निर्धारित लक्ष्यों और समय-सीमाओं के साथ एक स्पष्ट रोडमैप के विकास के लिए एक संयुक्त कार्यसमूह की स्थापना की जा रही है. उन्होंने बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.

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