सरकारी गोदामों में बढ़ सकता है अनाज! बढ़ती महंगाई पर लगेगी लगाम

सरकारी गोदामों में बढ़ सकता है अनाज! बढ़ती महंगाई पर लगेगी लगाम

मंडियों में अनाजों की आवक बढ़ी है, इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस साल सरकारी अनाज गोदामों में अनाज का भंडारण बढ़ सकता है. वहीं, इससे अनाजों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लग सकती है.

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सरकारी गोदामों में बढ़ सकता है अनाज! बढ़ती महंगाई पर लगेगी लगाम सरकारी गोदामों में बढ़ सकता है अनाज!, सांकेतिक तस्वीर

इस वर्ष अनाजों के पैदावार में बढ़ोतरी के कारण महंगाई काबू में रहने की उम्मीद है, जो पिछले कुछ महीनों से लगातार दो अंकों (Double Digit) में बनी हुई है. उत्पादन में बढ़ोतरी से मंडियों में अनाज की आवक बढ़ी है. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस साल सरकार के गोदामों में अनाज का भंडार बढ़ सकता है. सरकार के अनाज भंडार में संभावित सुधार से खुदरा अनाज मूल्य को कम करने में मदद मिलेगी. इसमें अनाज और उत्पाद श्रेणी में गेहूं, चावल के अलावा अन्य अनाज भी शामिल हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास सरप्लस अनाज का भंडार होने की वजह से, निगम खुले बाजार में अनाज को बेच सकता है, अगर अगले कुछ महीनों में कीमतें कम नहीं होती हैं.

जनवरी 2023 में क्रमशः 25.05 प्रतिशत और 10.51 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले अप्रैल में गेहूं और चावल की कीमतों में 15.46 प्रतिशत और 11.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

गेहूं की कीमतों में 9 प्रतिशत की गिरावट 

उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2023 में चल रही कीमतों के मुकाबले शनिवार को खुदरा गेहूं की कीमत 9 प्रतिशत घटकर 25.5 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि चावल की कीमतें पिछले तीन महीनों से 35 रुपये प्रति किलोग्राम पर बनी हुई हैं. 

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गौरतलब है कि गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एफसीआई ने 1 फरवरी से 15 मार्च के दौरान आटा मिलों और खाद्य कंपनियों जैसे निजी थोक खरीदारों को खुले बाजार बिक्री योजना के तहत साप्ताहिक विकल्प के माध्यम से 3.37 मिलियन टन (एमटी) गेहूं बेचा था.

चालू सीजन में 25.7 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद

वहीं एफसीआई और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा चालू सीजन (अप्रैल-जून) के लिए गेहूं की खरीद शनिवार को 25.7 मीट्रिक टन को पार कर गई, जो 43 प्रतिशत अधिक है. वहीं एजेंसियों द्वारा गेहूं की खरीद इस सीजन (अप्रैल-जून) में 27 मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना है, जबकि पिछले सीजन में कुल 18.79 मीट्रिक टन उठाव हुआ था.

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पंजाब (12 मीट्रिक टन), हरियाणा (6.3 मीट्रिक टन) और मध्य प्रदेश (6.8 मीट्रिक टन) में अधिकतर खरीद कार्य समाप्त हो गए हैं, राजस्थान (0.3 मीट्रिक टन) और उत्तर प्रदेश (0.2 मीट्रिक टन) में अगले तीन सप्ताह तक उठाव जारी रहने की उम्मीद है. वहीं मध्य प्रदेश ने MSP पर खरीद को 20 मई तक के लिए बढ़ा दिया है.

किसान गेहूं की फसल को कर रहे हैं स्टॉक 

राजस्थान की चित्तौड़गढ़ मंडी के एक गेहूं व्यापारी मुकेश खातोड़ ने कहा, "मंडी में गेहूं की कीमतें वर्तमान में 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी के आसपास चल रही है और किसान भविष्य में कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद में कुछ स्टॉक अपने पास रखे हुए हैं."

FCI के पास 31.41 मीट्रिक टन है गेहूं का स्टॉक

वर्तमान में, FCI के पास 31.41 मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक है, जबकि सरकार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के कार्यान्वयन के लिए सालाना 18.4 मीट्रिक टन की आवश्यकता है. एक अधिकारी ने कहा, 'जुलाई के बाद से खुले बाजार में अनाज की मौजूदा कीमतों के आधार पर बिक्री के लिए हमारे पास पर्याप्त (स्टॉक) होगा.'

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2022-23 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक चावल की सरकारी खरीद 50 मीट्रिक टन के करीब रही है. वही, एफसीआई के पाद वर्तमान में चावल का स्टॉक 27.1 मीट्रिक टन है, जिसमें 15.6 मीट्रिक टन चावल शामिल नहीं है, जो अभी तक मिलर्स से प्राप्त नहीं हुआ है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत आवंटन के लिए निगम को 36 मीट्रिक टन चावल की जरूरत है.

एनएफएसए क्या है?

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 भारत सरकार द्वारा अधिसूचित एक कानून है जिसके माध्यम से भारत सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में जनसाधारण को खाद्यान्न उपलब्ध हो सके.

चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 130.8 मीट्रिक टन होने का अनुमान

2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 130.8 मीट्रिक टन होने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले फसल वर्ष की तुलना में 1.36 मीट्रिक टन अधिक है. वहीं 1 जुलाई के लिए बफर मानक 27.58 मीट्रिक टन गेहूं और 13.54 मीट्रिक टन चावल है.
 

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