Haryana: ड्रोन टेक्नोलॉजी अब बेरोजगार युवाओं को देगा रोजगार, FREE ट्रेनिंग के लिए 13 जून तक कर सकते हैं आवेदन

Haryana: ड्रोन टेक्नोलॉजी अब बेरोजगार युवाओं को देगा रोजगार, FREE ट्रेनिंग के लिए 13 जून तक कर सकते हैं आवेदन

ड्रोन स्प्रे तकनीक सभी तरह की फसलों में कारगर है. यह किसानों के साथ-साथ युवाओं के भी रोजगार का माध्यम बन सकता है. वहीं हरियाणा सरकार द्वारा सूबे के युवाओं और प्रगतिशील किसानों को ड्रोन उड़ाने की FREE ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गयी है.

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Haryana: ड्रोन टेक्नोलॉजी अब बेरोजगार युवाओं को देगा रोजगार, FREE ट्रेनिंग के लिए 13 जून तक कर सकते हैं आवेदन युवाओं और प्रोगेसिव किसानों को FREE ड्रोन उड़ाने की मिलेगी ट्रेनिंग, सांकेतिक तस्वीर

युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देने के लिए हरियाणा के कृषि विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. कृषि विभाग प्रगतिशील किसानों व युवाओं को बिना कोई शुल्क लिए ड्रोन पायलट बनने का प्रशिक्षण देगा. जिसके लिए 13 जून तक विभागीय पोर्टल www.agriharyana.gov.in ऑनलाइन आवेदन आमत्रिंत किए गए हैं. इसके योजना के तहत हरियाणा राज्य से कुल 500 किसानों को ट्रेनिंग दिया जाएगा. जिसमें जिला करनाल से कुल 43 युवाओं को यह ट्रेनिंग बिना कोई शुल्क लिए दिया जायेगा. इसके के लिए कोई भी 10वीं पास और 40 साल तक की आयु का व्यक्ति आवेदन कर सकता है.

अधिकारियों की माने तो एक सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें किताबी ज्ञान और प्रैक्टिकल भी शामिल होगा. करनाल में कृषि उप निदेशक आदित्य प्रताप डाबस ने यह जानकारी दी.

ड्रोन स्प्रे तकनीक पर है कृषि विभाग का फोकस  

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास के मुताबिक, कृषि की टेक्नोलॉजी में परिवर्तन ने किसान के कार्य को आसान किया है. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट किसानों रूख अब ड्रोन स्प्रे तकनीक की तरफ कर रहा है. ड्रोन से स्प्रे न सिर्फ पानी की बचत करती है बल्कि पानी की खपत को भी कम करती है. ड्रोन से यूरिया और दवाई का छिड़काव करने से स्प्रे से मनुष्य पर पड़ने वाले प्रभाव से भी बचा जा सकता है. 

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10 लीटर पानी में हो जाता है दवाई का छिड़काव

एक्सपर्ट की माने तो आमतौर पर एक एकड़ में दवा के छिड़काव के लिए 150 से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जबकि ड्रोन तकनीक में केवल 10 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है और 10 लीटर पानी में 1 एकड़ में दवा का छिड़काव किया जा सकता है. परंपरागत तरीके से एक एकड़ में दवा और यूरिया का छिड़काव करने में एक घंटे से ज्यादा का समय लगता है, जबकि इस तकनीक से 6 से 8 मिनट में छिड़काव किया जा सकता है. अब खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ड्रोन तकनीक है तो जबरदस्त है ही, इसके परिणाम भी बेहतरीन हैं.

ऊंचाई वाली फसलों पर भी हो सकता है आसानी से छिड़काव

परम्परागत तरीके से यूरिया या दवाई का स्प्रे करते वक्त किसानों के सामने भी कई चुनौती आ जाती है.छोटी ऊंचाई की फसलों पर तो आसानी से स्प्रे हो जाती है लेकिन ऊंचाई वाली फसलों में स्प्रे करने में दिक्कतें हो जाती है. विशेषज्ञों की माने तो इस तकनीक से न केवल कम ऊंचाई वाली फसलों बल्कि ज्यादा ऊंचाई वाली फसलों जैसे गन्ने आदि पर भी आसानी से दवा का छिड़काव किया जा सकता है. दवाई और यूरिया के छिड़काव के लिए एक बेहतरीन तकनीक है.

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सभी तरह की फसलों में कारगर है ड्रोन स्प्रे तकनीक

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास बताते है कि इस तकनीक के द्वारा इंसान पर दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता, इसके अलावा फसलों पर एक समान छिड़काव होता है. इस तकनीक को भविष्य के लिए काफी आशाजनक बताया और किसानों से इस तकनीक को अपनाने की बात कही. बशर्ते सरकार ड्रोन पर अच्छी सब्सिडी मुहैया करवाए. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास बताते हैं कि ड्रोन स्प्रे तकनीक सब्जी, गेहूं और धान सहित सभी तरह की फसलों में कारगर है और आने वाले समय में खेतीबाड़ी का स्वरूप बदल देगी.

 

 

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