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फसल नुकसान का मुआवजा चाहिए तो 15 मार्च तक अपलोड कर दें ब्योरा,इस पोर्टल पर देनी होगी जानकारी

फसल नुकसान का मुआवजा चाहिए तो 15 मार्च तक अपलोड कर दें ब्योरा,इस पोर्टल पर देनी होगी जानकारी

सरकार के मुताबिक किसान अपनी फसलों के नुकसान की जानकारी मुआवजा पोर्टल पर 15 मार्च 2024 तक अपलोड कर सकते हैं. आपको बता दें कि किसानों को सबसे पहले खराब हुई फसलों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करानी होगी. इसके बाद सरकार अधिकारियों से इसका सर्वे कराएगी. इसके बाद ही किसानों के खाते में फसल क्षति का मुआवजा भेजा जायेगा.

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हरियाणा सरकार किसानों को दे रही मुआवजा हरियाणा सरकार किसानों को दे रही मुआवजा

देशभर में लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने पूरे हरियाणा में किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद कर दी हैं. बारिश से सबसे ज्यादा गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान हुआ है. इस बीच हरियाणा सरकार ने परेशान किसानों को राहत देने के लिए हाथ बढ़ाया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के किसानों से अपील की है कि वे हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान की जानकारी ई-मुआवजा पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि फसलों के नुकसान का आकलन किया जा सके.

15 मार्च तक है आखिरी तारीख

सरकार के मुताबिक किसान अपनी फसलों के नुकसान की जानकारी मुआवजा पोर्टल पर 15 मार्च 2024 तक अपलोड कर सकते हैं. आपको बता दें कि किसानों को सबसे पहले खराब हुई फसलों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करानी होगी. इसके बाद सरकार अधिकारियों से इसका सर्वे कराएगी. इसके बाद ही किसानों के खाते में फसल क्षति का मुआवजा भेजा जायेगा. किसानों को अपनी फसल के नुकसान का विवरण यहां दी गई वेबसाइट www.ekshatipurti.harana.gov.in पर तय समय से पहले भरना होगा. इसके साथ ही सरकार ने पहले से ही यह शर्त रखी है कि केवल उन्हीं किसानों को मुआवजा मिलेगा, जिन्होंने "पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा" पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है.

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प्रभावितों को मुआवजा देगी सरकार

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली है. कुछ लोगों ने इस समस्या के बारे में बताया है. सरकार सभी प्रभावितों को मुआवजा देगी. सरकार पहले भी किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा दे चुकी है. उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक क्षति है और सरकार किसानों को राहत जरूर देगी.

कहां कितना हुआ है नुकसान

कृषि विभाग के मुताबिक, हिसार में करीब एक लाख एकड़ में गेहूं की फसल और 38 हजार एकड़ में सरसों की फसल को 51 से 75 फीसदी तक नुकसान हुआ है. वहीं 230 एकड़ गेहूं और 4,571 एकड़ सरसों की फसल को 76 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है. इसके अलावा 43,220 एकड़ सरसों की फसल और 39,065 एकड़ गेहूं की फसल को 26-50 फीसदी तक नुकसान हुआ है. कई इलाकों में 25 फीसदी से भी कम नुकसान हुआ है. वहीं, भिवानी में सरसों की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. करीब 4500 एकड़ की सरसों की फसल 76 से 100 फीसदी तक प्रभावित हुई. जबकि 8117 एकड़ 51 से 75 फीसदी तक प्रभावित है. वहीं 33772 एकड़ फसल 26 से 50 फीसदी तक प्रभावित हुई है. हालांकि, भिवानी में गेहूं की फसल को थोड़ा नुकसान हुआ है. 2100 एकड़ की 76 फीसदी से ज्यादा फसल प्रभावित है.

वहीं, 580 एकड़ की 51 से 75 फीसदी और 9289 एकड़ की 26 से 50 फीसदी फसल प्रभावित है. जबकि सोनीपत में 17065 एकड़ गेहूं की फसल 76-100 फीसदी, 19635 एकड़ 51-75 फीसदी और 40563 एकड़ 26-50 फीसदी खराब हुई है. वहीं, 2021 एकड़ की सरसों की फसल 76-100 फीसदी, 2340 एकड़ की सरसों की फसल 51-75 फीसदी और 1577 एकड़ की सरसों की फसल 26-50 फीसदी प्रभावित हुई है. कुरूक्षेत्र में करीब 63,807 एकड़ फसल प्रभावित हुई है. यहां गेहूं की फसल अधिक प्रभावित है. करीब 62200 एकड़ गेहूं और 1607 एकड़ सरसों की फसल को नुकसान हुआ है. 500 एकड़ की गेहूं की फसल को 51-75 फीसदी नुकसान हुआ है. वहीं, 26-50 फीसदी करीब 12400 एकड़ फसल होती है. बाकी फसलों को 0-25 प्रतिशत नुकसान हुआ है. वहीं, 12 एकड़ की सरसों की फसल 51-75 फीसदी, 280 एकड़ की फसल 26-50 फीसदी और 1315 एकड़ की फसल 0-25 फीसदी प्रभावित हुई है. अंबाला में अनुमानित नुकसान करीब 10780 एकड़ है. इसमें 8500 एकड़ गेहूं, 1140 एकड़ सरसों और रेपसीड, 980 एकड़ सूरजमुखी और 160 एकड़ मक्के की फसल को नुकसान हुआ है.