हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर आयोज‍ित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर आयोज‍ित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के नवीकरणीय और जैव ऊर्जा विभाग के सभागार में 6 मार्च 2023 को स्पार्क-एमएचआरडी द्वारा प्रायोजित बायोमास रूपांतरण तकनीक द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ.

Advertisement
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर आयोज‍ित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला संपन्नफसल अवशेष प्रबंधन के विषय पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के नवीकरणीय और जैव ऊर्जा विभाग के सभागार में 6 मार्च 2023 को स्पार्क-एमएचआरडी द्वारा प्रायोजित बायोमास ट्रांसफर तकनीक द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन क‍िया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा रहे, जबकि उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. मुकेश जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे. इस आयोजन पर कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय और स्पार्क परियोजना के अंतरराष्ट्रीय सह-पीआई प्रो. शाहाबद्धीन सोखन्सज मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए.

अनुसंधान निदेशक डॉ. जीत राम शर्मा ने बायोमास ट्रांसफर तकनीक द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन से पराली को जलाने और उससे होने वाले प्रदूषण को रोकने से संबंधित कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की. पराली की समस्या से निदान के लिए युवा वैज्ञानिकों और शोधार्थियों को इस वर्कशॉप में उन आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया. जोकि पराली जलाने और उससे होने वाले प्रदूषण की समस्या को खत्म करेगा, ताकि वर्तमान समय में वायु प्रदूषण जैसे खतरे को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सके.

मुख्य अतिथि डॉ. जीत राम शर्मा कार्यशाला को संबोधित करते हुए
मुख्य अतिथि डॉ. जीत राम शर्मा कार्यशाला को संबोधित करते हुए


डॉ. मुकेश जैन ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए. कृषि अभियांत्रिकी और तकनीकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बलदेव डोगरा ने कार्यशाला के बारे में जानकारी दी. प्रो. शाहाबद्धीन सोखन्सज ने बायोमास रूपांतरण तकनीक द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन में शामिल तकनीकों की महत्वत्ता बताई. उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देशों में बायोमास को जलाया जा रहा है, जिससे इस उपयोगी संसाधन से वंचित होते जा रहे हैं. ये स्थिति वर्तमान और आने वाली पीढिय़ों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है.
नवीकरणीय और जैव ऊर्जा विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ. योगेंद्र कुमार यादव ने सभी का स्वागत किया, जबकि सहायक प्राध्यापिका डॉ. यादविका ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया.

ये भी पढ़ें:- उत्तर प्रदेश: किसान ने सरकार के नाम कर दी डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति, इस वजह से लिया फैसला

 

POST A COMMENT