उज्जैन-जावरा रोड के पोलेन निर्माण का कार्य शुरू होते ही किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि अगर पोलेन निर्माण मापदंडों के अनुसार किया गया, तो उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है.
किसानों ने प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी
किसानों का कहना है कि वर्तमान में जो उज्जैन-जावरा रोड है, वहीं से अगर फोर लेन बनाएं तो सभी को सुविधा होगी और किसानों की जमीन भी नहीं जाएगी. एक किसान ने कहा, "अगर ये रोड बनता है तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा क्योंकि किसानों के कुछ लोग हैं जिनके पास कम जमीन है, ऐसे में उनकी जमीन पूरी चली जाएगी और वो बेरोजगार हो जाएंगे."
प्रदर्शन की वजह
किसानों का कहना है कि अगर रोड का निर्माण ऊंचा किया गया तो खेती भी नहीं हो पाएगी और जल निकासी की समस्या भी होगी. विरोध प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा, "ये उज्जैन से जावरा रोड निकल रहा है, बहुत ऊंचा निकल रहा है. इसकी हाइट 15 फीट है, इससे किसानों को ये दिक्कत आ रही है कि जो खेत है ना वो दो पार्ट में डिवाइड हो रहे हैं."
मुआवजे की मांग
किसानों ने प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है. किसानों से जो जमीन अधिगृहीत की जा रही है उसे 3 लाख रुपए बीघा में ली जा रही है. जबकि बाजार भाव 50 लाख रुपए है. किसानों ने कलेक्टर और मुख्यमंत्री से अपील की है कि उनकी समस्याओं को सुना जाए और रोड निर्माण को रोका जाए. उन्होंने कहा, "हमने किसान संगठन के लोग के साथ जुड़ के आप कलेक्टर साहब और मुख्यमंत्री साहब को आवेदन दिया है जो हमारी समस्या को सुने और इस रोड को कैंसिल करे."
किसानों का यह विरोध प्रदर्शन प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे को कैसे हल करता है और किसानों की मांगों को कैसे पूरा करता है. किसानों की मांग है कि रोड पर अंडर पास बनाए जाए. अगर ऐसा नहीं होता है कि वे आगे प्रदर्शन भी करेंगे.
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