इस समय आम का सीजन चल रहा है और बाज़ारो में आम की डिमांड काफी ज्यादा रहती है इसके चलते आमों के दाम असम छु रहे हैं किसानों को इस सीजन में अच्छा फायदा भी मिला है. फसलों का रजा कहा जाने वाला फल आम है और ये सबसे मांगा बिकता है. लेकिन इस मामले में अब जामुन फ्रूट ने आम को पीछे छोड़ दिया है. इन दिनों महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर में जामुन की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही हैं. इस समय बाजार में 400 से लेकर 600 रूपये प्रति किलो जामुन का भाव किसानों को मिल रहा है. किसानों को इसे अच्छा मुनाफा मिल रहा है. किसानों का कहना हैं कि इस साल हुई बेमोसम बारिश के कारण जामुन के पेड़ों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. इसके चलते उत्पादन में भारी गिरावट आई है. इस वजह से बाजार में आवक कम पहुंच रही हैं.
छत्रपति संभाजीनगर शहर की जाधव मंडी में जामुन का न्यूनतम भाव 16000 रूपये प्रति क्विंटल मिला है जबकि अधिकतम दाम 18000 रूपये प्रति क्विंटल रहा है.इस साल जिन किसानों के पास जामुन है उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा हैं.
किसानों का कहना हैं कि बेमोसम बारिश के कारण इस साल जामुन के बागों को भी भारी नुकसान हुआ हैं इसके चलते उत्पादन में कमी आई हैं जामुन को मिल रहे रेकॉर्ड के से सभी किसानों को फायदा नहीं है जिनके पास जामुन बचा हैं उनको मुनाफा मिल रहा है. छत्रपति संभाजीनगर शहर के जाधव मंडीमें एक किसान की जामुन की दो टोकरियां 16,000 रुपये में बिकी है. कीमतों में इतनी बढ़तोरी के बावजूद एक घंटे के भीतर हाथों-हाथ जामुन बिक रहे हैं.
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जामुन का उपयोग औषधीय उत्पादन के लिए भी किया जाता है.खासतौर कपड़ों को रगने के लिए भी जामुन के रंग का उपयेग किया जाता हैं इसलिए कई कंपनियों की तरफ से जामुन फल की डिमांड हमेशा रहती है कंपनी सीधे कई किसानों से जामुन खरीदती है और किसानों को इसे अच्छा मुनाफा मिल रहा हैं. इस समय व्यापरी भी खुद किसानो के खेत में जाकर जामुन खरीद रहे है, इसलिए किसानों का आने-जाने का खर्चा भी बच रहा हैं.
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