अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हर क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सराहना की जाती है ताकि उन्हें और भी अधिक सशक्त बनाया जा सके. महिलाओं के अभूतपूर्व योगदान को ध्यान में रखते हुए भी इस दिन को मनाया जाता है. इसी कड़ी में आदिवासी महिला किसानों के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, तापी (गुजरात) में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को टेक्नोलॉजी के प्रति प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने का भी प्रयास किया गया. कृषि विज्ञान केंद्र, तापी (गुजरात) जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित है, और नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी द्वारा कार्यान्वित किया जाता है.
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) के सहयोग से केवीके, तापी द्वारा 15/03/2023 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. जिसमें तापी जिले के डोलवन प्रखंड के विभिन्न गांवों की 200 से अधिक आदिवासी महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, केवीके-तापी डॉ. सी.डी. पांड्या ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को बधाई दी. उनसे कृषि में अधिक परिश्रम को कम करते हुए कृषि उपकरणों का उपयोग करने की भी सलाह दी. उन्होंने महिलाओं से केवीके के माध्यम से कृषि, पशुपालन और गृह विज्ञान में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर पैसे कमाने के लिए कहा और इस आयोजन में उपस्थित प्रगतिशील महिलाओं के काम की सराहना की.
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कार्यक्रम की शुरुआत चकधारा गांव की आदिवासी महिलाओं के प्रार्थना नृत्य से की गई. प्रो. आरती एन. सोनी, वैज्ञानिक (गृह विज्ञान) ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व को समझाते हुए अतिथियों का स्वागत किया. एन. एम. गजेरा, गुजरात इफको के प्रमुख, इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे और उन्होंने विभिन्न फसलों में नैनो यूरिया की क्षेत्रवार वैज्ञानिक सिफारिशों और किसानों द्वारा उपयोग करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में प्रभावी जानकारी दी.
प्रो. आरती एन. सोनी, वैज्ञानिक (गृह विज्ञान) ने कृषि और पशुपालन में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया और उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ हैं. वह समाज कभी विकसित नहीं हो सकता जहां महिलाएं सशक्त और सुरक्षित नहीं हैं. इसलिए प्रत्येक महिला को गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए अपने स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण जैसी तीन बातों पर अधिक ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा, दैनिक आहार में बेहतर उपयोग के लिए मोटे अनाजों पर जोर दिया गया.
अंकितभाई प्रजापति, फील्ड ऑफिसर, इफको ने इफको द्वारा उत्पादित नैनो यूरिया का कृषि में उर्वरक के रूप में उपयोग बारे में विस्तृत जानकारी दी.
प्रवीण चौधरी, इफको ने कृषि फसलों में सागरिका तरल पोषक तत्व के महत्व की जानकारी दी. इसके अलावा, पांच प्रगतिशील महिलाओं को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के उत्पाद नोवेल प्लस (तरल जैव उर्वरक) और इफको के उत्पाद नैनो यूरिया से सम्मानित किया गया. साथ ही इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रत्येक आदिवासी महिला को इफको कंपनी ने वेस्ट डीकंपोजर की एक बोतल दी. समारोह में हरिपुरा और जमलिया गांवों की आदिवासी महिलाओं ने कोंकणी नृत्य और गामित नृत्य पेश किया.
सभी आदिवासी महिलाओं द्वारा आदिवासी नृत्य भी प्रस्तुत किया गया. समारोह में सिस्टर जोना, जीवनवहल ट्रस्ट, बर्डीपाड़ा की सिस्टर चिनम्मा, जीवनदीप महिला सहकारी समिति की अध्यक्ष इंदुबेन और सचिव मधुबेन भी उपस्थित थीं. डॉ. जे.बी. बुटानी, वैज्ञानिक (पशु विज्ञान) द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया, जबकि पूरे कार्यक्रम का संचालन प्रो. के.एन. राणा, वैज्ञानिक (फसल उत्पादन) द्वारा सफलतापूर्वक किया गया.
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